BJP will fight elections on the face of Narendra Modi Vasundhara restlessness in Rajasthan increased - India Hindi News नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी भाजपा, राजस्थान में वसुंधरा की बढ़ी बेचैनी, India Hindi News - Hindustan
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नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी भाजपा, राजस्थान में वसुंधरा की बढ़ी बेचैनी

भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के दौरान पार्टी ने इस बात को साफ करने की कोशिश की थी कि आने वाले चुनावों खासकर राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा व कमल निशान ही सबसे उपर होगा।

Himanshu हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Fri, 27 May 2022 05:44 AM
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नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी भाजपा, राजस्थान में वसुंधरा की बढ़ी बेचैनी

आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे व कमल निशान पर लड़े जाने के संकेत दिए जाने के बाद राज्यों के क्षत्रपों में बैचेनी है। खुद नेता तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन उनके खेमे मुखर होने लगे हैं। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक व मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य भी शामिल हैं। खासकर राजस्थान, जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमा व प्रदेश के मौजूदा नेतृत्व वाले खेमा के बीच तनातनी बनी रहती है।

जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के दौरान पार्टी ने इस बात को साफ करने की कोशिश की थी कि आने वाले चुनावों खासकर राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा व कमल निशान ही सबसे उपर होगा। गौरतलब है कि राजस्थान में पार्टी में सबसे ज्यादा खेमेबाजी है। केंद्रीय नेतृत्व विभिन्न खेमों में समन्वय करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक लगातार दबाब बनाए हुए हैं कि पार्टी को वसुंधरा राजे के चेहरे को सामने लाना चाहिए।

मध्य प्रदेश व कर्नाटक में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन वहां पर मुख्यमंत्रियों को लेकर ही अटकलबाजी चलती रहती है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व बसवराज बोम्मई दोनों ही पार्टी को चुनाव जिता कर नहीं लाए थे और बाद में मुख्यमंत्री बने थे। ऐसे में पार्टी संगठन का कहना है कि आने वाले चुनाव में भी उनको चेहरा नहीं बनाना चाहिए, बल्कि मोदी व कमल निशान को आगे रखना चाहिए।

हालांकि, इन मुख्यमंत्रियों के समर्थकों का कहना है कि हाल में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में मौजूदा मुख्यमंमत्रियों को ही सामने रखा गया तो इन राज्यों में क्या दिक्कत है। उत्तराखंड में तो खुद का चुनाव हारने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया।

छत्तीसगढ़ में पार्टी की स्थिति साफ नहीं
छत्तीसगढ़ में पार्टी की स्थिति साफ नहीं है। वहां पर भाजपा नेतृत्व अभी संगठन से लेकर अन्य स्तरों पर भी बदलाव कर सकता है। इसके बाद ही स्थिति कुछ साफ होगी। फिलहाल राज्य के नेता भी केंद्रीय स्तर से संभावित बदलावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

केंद्रीय नेतृत्व की भी बारीकी से नजर
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व की भी इन सब पर बारीकी से नजर है। कोशिश है कि सभी को साथ लेकर समन्वय के साथ आगे बढ़ा जा सके। 15 जून के बाद कई राज्यों के प्रभारी, अध्यक्ष व संगठन महामंत्रियों में बदलाव की संभावना है। इसमें विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति भी शामिल रहेगी।

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