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मोदी का जादू, 4 जातियां और टाइगर जिंदा है वाली इमेज; 2024 के लिए विपक्ष याद रखेगा ये 7 सबक

मध्य प्रदेश में भाजपा को लेकर फिफ्टी-फिफ्टी की भविष्यावाणी थी तो वहीं छत्तीसगढ़ में सभी पोल उसकी हार बता रहे थे। लेकिन सभी गलत साबित हुए और भाजपा ने जोरदार हासिल कर 54 सीटें हासिल कर ली हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 3 Dec 2023 04:17 PM
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भाजपा ने 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव को 3-1 के स्कोर से जीत लिया है। इसमें भी खासतौर पर हिंदी पट्टी यानी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। खासतौर पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा ने चौंकाया है, जहां उसकी हालत कमजोर बताई जा रही थी। मध्य प्रदेश में उसे लेकर फिफ्टी-फिफ्टी की भविष्यावाणी थी तो वहीं छत्तीसगढ़ में सभी पोल उसकी हार बता रहे थे। लेकिन सभी गलत साबित हुए और भाजपा ने जोरदार हासिल कर 54 सीटें हासिल कर ली हैं। यहां 2018 में भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी थी। अब इसके कुछ सबक भी होंगे, जिन्हें कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को 2024 में याद रखना होगा...

PM मोदी की फिर बनी टाइगर जिंदा है वाली इमेज

राजस्थान से लेकर तेलंगाना तक पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाली थी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बिना सीएम कैंडिडेट के ही चुनाव लड़ा था। इस तरह पूरा चुनाव पीएम मोदी के नाम पर ही लड़ा गया और अब नतीजे बता रहे हैं कि मोदी की गारंटी पर लोगों को भरोसा है और उनका जलवा कायम है। विपक्ष को 2024 के चुनाव में उतरते हुए यह याद रखा होगा कि पीएम मोदी की इमेज बेहद मजबूत है और उन पर निजी हमले करने से कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा।

भाजपा की चुनावी मशीनरी अब भी सब पर भारी

भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर केंद्रीय नेताओं को भेजा था। इसके अलावा राज्यों से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव भी लड़ाया गया। संगठन मंत्री से लेकर दूसरे राज्यों के विधायक तक चुनाव में उतरे थे। इस तरह भाजपा ने चुनावी मशीनरी की अपनी ताकत दिखा दी है। खुद शिवराज सिंह चौहान ने जीत के बाद केंद्र के सभी नेताओं को संगठन मंत्रियों को धन्यवाद दिया। 

मंडल पार्ट-2 और जातीय सर्वे पर भारी मोदी की 4 जाति?

बिहार में जातीय जनगणना के बाद से ही विपक्ष पूरे देश में इसकी मांग कर रहा है। इसके अलावा आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग कर पिछड़े और दलितों को एकजुट करने की रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने लगातार चुनाव प्रचार में कहा कि सबसे बड़ी जाति देश में गरीबों की है। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं और युवाओं समेत 4 जातियों का जिक्र किया था। अब नतीजे बता रहे हैं कि देश में मंडल पार्ट-2 के भरोसे ही विपक्ष जीत नहीं हासिल कर पाएगा। यहां यह तथ्य है कि मध्य प्रदेश में भाजपा ने ओबीसी बहुल 67 सीटों में से 49 पर जीत हासिल की है।

आदिवासियों के बीच भी मोदी का जलवा कायम

भाजपा ने छत्तीसगढ़ की 29 आदिवासी आरक्षित सीटों में से 18 पर जीत हासिल की है। साफ है कि भाजपा को आदिवासी समाज के लोगों का बड़ा वोट मिला है। यह उसके लिए अन्य राज्यों में भी अच्छा संकेत है। इसके अलावा 2024 के लिए भी भाजपा को उम्मीद बंधाता है। 

मुसलमान कांग्रेस के साथ, पर हर जगह कैसे भुनाएंगे?

तेलंगाना के नतीजे बता रहे हैं कि मुस्लिम वर्ग ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। तेलंगाना की मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस के मजबूत होने पर क्षेत्रीय दलों को छोड़कर मुस्लिम उसके साथ आ रहे हैं। बीआरएस ने इस बार मुस्लिम बहुल 39 में से 12 सीटों पर ही जीत दर्ज की है। वहीं ओवैसी की पार्टी को भी तीन पर ही जीत मिली है। अब इस समीकरण पर अखिलेशन यादव, ममता और तेजस्वी जैसे नेताओं की भी नजर होगी।

उत्तर भारत में भाजपा के मुकाबले अब भी कमजोर है कांग्रेस

कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल की है, जहां भाजपा से उसका सीधा मुकाबला नहीं था। वहीं हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों में वह भाजपा से बुरी तरह हारी। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस अब भी भाजपा के मुकाबले कमजोर है। इलेक्शन मशीनरी के तौर पर भी कांग्रेस कमजोर नजर आई। इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व भी उतना सक्रिय नहीं था, जितना भाजपा की ओर से पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे नेताओं ने जमकर कैंपेन किया।

महिलाओं ने पलटा गेम, आगे भी PM मोदी चलेंगे दांव

मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना और छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना जैसी स्कीमों ने भाजपा को बंपर वोट दिलाए। पहले से ही चर्चा थी कि भाजपा को महिलाओं के समर्थन का फायदा मिल सकता है और अंत में वही हुआ। एमपी में तो इस बार महिलाओं ने मतदान भी किया था। भाजपा ने धीरे-धीरे योजनाओं के जरिए एक लाभार्थी वर्ग तैयार किया है, जिसके जरिए वह तमाम समीकरणों की काट करती रही है।

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