भाजपा को मिले चंदे में बंपर बढ़ोत्तरी, पिछले साल मिले 614 करोड़ रुपये; जानिए कांग्रेस का क्या हाल
एडीआर द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। पिछले वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित 20,000 रुपये से ऊपर का कुल चंदा 780.77 करोड़ रुपये था। यह चंदा 7,141 दान से मिला था।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पिछले वित्त वर्ष चंदे के जरिए 614.6 करोड़ रुपये मिले हैं। सबसे ज्यादा चंदा प्राप्त करने के मामले में भाजपा के बाद कांग्रेस का नंबर है। हालांकि अंतर काफी ज्यादा है। कांग्रेस ने पिछले साल 95.4 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर प्राप्त किए। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। पिछले वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित 20,000 रुपये से ऊपर का कुल चंदा 780.77 करोड़ रुपये था। यह चंदा 7,141 दान से मिला था।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भाजपा ने कुल 614.626 करोड़ रुपये का चंदा घोषित किया है जोकि उसे 4,957 दान से मिला है। इसके बाद आईएनसी (कांग्रेस) का नंबर है जिसे 1,255 दान से 95.45 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। भाजपा द्वारा घोषित चंदा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPEP) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) द्वारा घोषित कुल चंदे के तीन गुना से अधिक है।"
लगातार 16वें साल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे 20,000 रुपये से अधिक का चंदा नहीं मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है, “वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय दलों के कुल दान में 187.026 करोड़ की वृद्धि हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 से 31.50% अधिक है।” बीजेपी के लिए, दान 2020-21 के दौरान 477.545 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 के दौरान 614.626 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें 28.71% की बंपर वृद्धि देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है, “कांग्रेस का चंदा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 74.524 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 95.459 करोड़ रुपये हो गया जोकि 28.09% की वृद्धि है। जबकि वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच कांग्रेस के दान में 46.39% की कमी आई थी। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में, सीपीआई (एम) द्वारा घोषित चंदे में 22.06% (₹2.846 करोड़) की और एनपीईपी द्वारा घोषित चंदे में 40.50% (₹24.10 लाख) की कमी आई है।"