दूर से ही जोड़े हाथ, नहीं हुई बात; कुछ यूं सामने आए बिलावल भुट्टो और विदेश मंत्री एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दूर से ही बिलावल भुट्टो जरदारी से हाथ जोड़ लिए और फोटो खिंचवाते वक्त भी दोनों करीब दो फुट के अंतर पर खड़े नजर आए। दोनों के बीच औपचारिक संवाद ही दिखाई दिया।
शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान से बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल होने गोवा पहुंचे हैं। शुक्रवार को सुबह मीटिंग से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सभी मंत्रियों का बारी-बारी से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का भी वेलकम किया, लेकिन दोनों नेताओं के बीच दूरी साफ दिखाई दी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दूर से ही बिलावल भुट्टो जरदारी से हाथ जोड़ लिए और फोटो खिंचवाते वक्त भी दोनों करीब दो फुट के अंतर पर खड़े नजर आए।
इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिलावल भुट्टो से कुछ कहा और उन्हें अंदर जाने का इशारा किया। कुल मिलाकर इतना ही संवाद भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच देखने को मिला। एक औपचारिक स्वागत हुआ। बात तो बहुत दूर गर्मजोशी से मुलाकात भी नहीं हुई। इससे समझा जा सकता है कि भारत अब भी पाकिस्तान को भाव देने के मूड में नहीं है, जबकि उसके विदेश मंत्री ने एससीओ में शामिल होने के लिए गोवा आने का न्योता स्वीकार कर लिया। यही नहीं पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर भी कोई सवाल नहीं उठाया।
इसके बाद भी भारत आतंकवाद के मसले पर सख्त रुख अपना रहा है और पाकिस्तान को किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है। बिलावल का जैसा औपचारिक वेलकम हुआ है, उससे यह साफ दिखाई दिया। बता दें कि गुरुवार को भारत आने से पहले बिलावल ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि मैं एससीओ की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए गोवा जा रहा हूं। उम्मीद है कि एससीओ की यह मीटिंग सभी सदस्य देशों के लिए फायदेमंद रहेगी। बता दें कि पाकिस्तान में भी एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो बिलावल के भारत दौरे का विरोध कर रहा है।
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