Banks cannot use look out circulars as measures to recover loans from defaulters Delhi High Court - India Hindi News बकाएदारों से कर्ज वसूली के लिए बैंक नहीं जारी कर सकते लुक आउट सर्कुलर: हाई कोर्ट, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़Banks cannot use look out circulars as measures to recover loans from defaulters Delhi High Court - India Hindi News

बकाएदारों से कर्ज वसूली के लिए बैंक नहीं जारी कर सकते लुक आउट सर्कुलर: हाई कोर्ट

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने व्यवस्था दी है कि ऐसे मामलों में एलओसी तभी जारी की जा सकती है, जब पर्याप्त कारण हों। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी एलओसी जारी करने के लिए कोई पूर्व शर्त है, तो उसे उसमें द

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 8 Sep 2023 12:12 PM
share Share
Follow Us on
बकाएदारों से कर्ज वसूली के लिए बैंक नहीं जारी कर सकते लुक आउट सर्कुलर: हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि कोई भी बैंक बकाएदारों से मोटी रकम की कर्ज वसूली के लिए लुक आउट सर्कुलर (LoC) नहीं जारी कर सकते और इसे कानूनी हथियार नहीं बना सकते। हाई कोर्ट ने कहा कि बैंक लेनदारों से पैसा वसूलने के उपाय के रूप में लुक आउट सर्कुलर का उपयोग सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें लगता है कि कानून के तहत उपलब्ध उपाय पर्याप्त नहीं है।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने व्यवस्था दी है कि ऐसे मामलों में एलओसी तभी जारी की जा सकती है, जब पर्याप्त कारण हों। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी एलओसी जारी करने के लिए कोई पूर्व शर्त है, तो उसे उसमें दिया जाना चाहिए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा, “यह अच्छी तरह से स्थापित है कि लुक आउट सर्कुलर की वैधता  उस तारीख को मौजूद परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाना चाहिए, जिस दिन लुक आउट सर्कुलर जारी करने का अनुरोध किया गया था।”

हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल इस संभावना कि किसी व्यक्ति को अंततः आरोपी बनाया जा सकता है, एलओसी खोलने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता है, जो किसी नागरिक की आवाजाही में बाधा डालता है और विदेश यात्रा करने का अधिकार छीन लेता है। कोर्ट ने कहा, "लुक आउट सर्कुलर खोले जाने से पहले कोई ठोस सामग्री होने के बिना "भारत के आर्थिक हित को नुकसान" जैसे वाक्यांशों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और निश्चित रूप से बैंक लुक आउट सर्कुलर का उपयोग केवल धन की वसूली के उपाय के रूप में नहीं कर सकते हैं।"

जस्टिस प्रसाद ने बैंक ऑफ बड़ौदा के कहने पर निपुण सिंघल के खिलाफ जारी एलओसी को रद्द करते हुए ये टिप्पणियां कीं। सिंघल का मामला यह था कि उन्हें LOC के बारे में तब पता चला जब वह स्पेन की यात्रा के लिए मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे। उन्हें विदेश यात्रा की इजाजत नहीं थी। उन्होंने अदालत को बताया कि एलओसी लॉयड इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के मामले में जारी की गई थी। वह उस कंपनी में 2010 से 2017 तक कार्यरत थे और निदेशकों में से एक थे।

सिंघल ने कोर्ट को बताया कि उनके कंपनी छोड़ने के करीब 18 महीने बाद कंपनी को नवंबर 2018 में NPA घोषित कर दिया गया था और उन्हें पिछले साल जनवरी में बैंक की तरफ से एक कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। बाद में उन्हें बताया गया कि कंपनी और कंपनी के तीन निदेशकों के खिलाफ एक नियमित मामला दर्ज किया गया है। सिंघल ने बताया कि उन्होंने जांच में सहयोग किया था और सीबीआई को भी सूचित कर दिया था कि उन्होंने मई 2017 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। बावजूद इसके उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।