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मुलायम ने दिलाया यदुवंशियों को गौरव, पहले लोग यादव सरनेम नहीं लिखते थे: बाबा रामदेव

बाबा रामदेव ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, 'नेताजी ने अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे बढ़ाया। उन्हें गरीब और पिछड़े लोग नेताजी कहते थे। राजनाथ सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, सैफईTue, 11 Oct 2022 04:26 PM
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मुलायम ने दिलाया यदुवंशियों को गौरव, पहले लोग यादव सरनेम नहीं लिखते थे: बाबा रामदेव

मुलायम सिंह यादव सैफई के जिस मेला ग्राउंड में बने अखाड़े में कई बार कुश्ती लड़ चुके थे, वहीं पर आज पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें विदाई देने राजनाथ सिंह, शरद पवार, अभिषेक बच्चन, अनिल अंबानी समेत कई दिग्गज हस्तियां पहुंचीं। अलग-अलग दलों के तमाम नेताओं ने इस मौके पर नेताजी को अंतिम विदाई दी और अपने-अपने तरीके से याद किया। योग गुरु बाबा रामदेव भी नेताजी को विदाई देने पहुंचे और अखिलेश यादव का हाथ थामे रहे। बाबा रामदेव ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, 'नेताजी ने अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे बढ़ाया। उन्हें गरीब और पिछड़े लोग नेताजी कहते थे। उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक न्याय को जिया। उन्होंने समाजवाद की जो ज्योति जलाई थी, उसे महायोद्धा को हम प्रणाम ही कर सकते हैं।'

बाबा रामदेव ने कहा कि एक महामानव जब प्रयाण करता है तो उसके पीछे पूरा देश खड़ा होता है। नेताजी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं थे। उनके साथ पूरे देश में ही जज्बा था। वह हमेशा पिछड़े वर्ग को साथ लेकर चलते थे। बाबा रामदेव ने कहा कि 20 से 22 साल पहले वह भारी बारिश के बीच हरिद्वार आए थे और पतंजलि योगपीठ का उद्घाटन किया था। हमने उसके बाद जो भी लड़ाइयां लड़ीं, उन सभी में मुलायम सिंह यादव ने सहयोग किया। उनके लिए राजनीति जरूर एक सीढ़ी थी, लेकिन उससे आगे बढ़कर उन्होंने लोकधर्म और राजधर्म का पालन किया। उन्होंने कहा कि यदुवंशियों को गौरव मुलायम सिंह यादव ने ही दिलाया। 40 साल पहले अपने उपनाम में लोग यादव नहीं लिखा करते थे। यह गौरव मुलायम सिंह यादव ने ही दिया।

राजनाथ ने भी किया नेताजी को याद, बोले- खास थे मेरे रिश्ते

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सैफई पहुंचकर नेताजी को अंतिम विदाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें धरती से जुड़ा नेता माना जाता था। उनके जाने से भारत की राजनीति की बहुत बड़ी क्षति हुई है। मैंने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके मेरे साथ ऐसे रिश्ते थे कि कई बार संसद के गलियारे में चलकर सीधे मेरे पास आकर बैठ जाते थे। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी वैचारिक समानता थी। वह हमेशा गरीब तबके के लिए काम करते थे। मुलायम सिंह यादव जो कहते थे, उसे करने की वह हमेशा क्षमता रखते थे। मुझे बड़ा दुख हुआ कि सोशलिस्ट मूवमेंट से जुड़ा एक व्यक्ति हमसे दूर हो गया है। 

स्वामी प्रसाद बोले- लोहिया की आखिरी विरासत आज विदा हो गई

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की आखिरी विरासत आज हमसे विदा हो गई है। उन्होंने पिछड़ों और मजलूमों के लिए जो लड़ाई लड़ी है, उसका आज पता चल गया। यहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचे। इससे पता चलता है कि लाखों कार्यकर्ता उनसे प्यार करते थे। 

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