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सांसद रहते अतीक अहमद ने बनाया था ये अनोखा रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री ने करवा दिया था गेमओवर

Atiq Ahmed Story: 2007 के मई में यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ और नई सोशल इंजीनियरिंग कर मायावती बहुमत हासिल कर राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। मायावती के आते ही अतीक को सत्ता संरक्षण मिलना बंद हो गया था। 

Pramod Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 18 April 2023 04:58 AM
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उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन अतीक अहमद की कहानी अब अतीत हो चुकी है। वह 2004 से 2009 तक फूलपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी का लोकसभा सांसद था। इससे पहले वह इलाहाबाद पश्चिम सीट से पांच बार लगातार विधायक था। 1989, 1991 और 1993 का चुनाव अतीक ने निर्दलीय जबकि 1996 का चुनाव सपा के टिकट पर जीता। 2002 में अतीक ने अपना दल के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था।

2004 में सपा से सांसद बनने के बाद इलाहाबाद पश्चिम से विधायक की सीट खाली हो गई। उस सीट पर 2004 में हुए उप चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अतीक के भाई खालिद आजिम उर्फ अशरफ को मैदान में उतारा था लेकिन उसे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार राजू पाल के हाथों करीब 11 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त खानी पड़ी थी। राजू पाल भी इलाहाबाद का एक दबंग था।

बाहुबली अतीक को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने बसपा विधायक राजू पाल को ठिकाने लगाने की ठान ली थी क्योंकि राजू पाल ने अतीक अहमद के गढ़ में सियासी सेंधमारी कर ली थी। इसका आरोप अतीक अहमद पर लगा। विधायक बनने के बाद ही राजू पाल ने हॉस्पिटल की एक कर्मी पूजा से शादी कर ली। उसकी शादी के नौ दिन बाद ही राजू पाल की हत्या जनवरी 2005 में कर दी जाती है। कहा जाता है कि तब 25 मिनट तक राजू पाल पर गोलियां बरसाई गईं थीं।

इस हत्याकांड में पूजा ने बतौर चश्मदीद गवाही दी थी। पूजा ने अतीक अहमद और अशरफ समेत कुल नौ लोगों को नामजद आरोपी बताया था। उस वक्त अतीक अहमद सांसद था। यूपी पुलिस ने अतीक को जनवरी 2005 में नामजद आरोपी बना दिया। इसके बाद 2006 में अतीक पर राजू पाल की हत्या के एक और चश्मदीद उमेश पाल को किडनैप करने का आरोप लगा। जब ये कांड हुए थे, तब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। 
 
2007 के मई में यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ और नई सोशल इंजीनियरिंग कर मायावती बहुमत हासिल कर राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। मायावती के आते ही अतीक को सत्ता संरक्षण मिलना बंद हो गया। अतीक अहमद पर पुलिस ने मायावती के दबाव में दबिश बढ़ा दी थी। वह लुका-छिपी का खेल खेल रहा था। तभी अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। अतीक अहमद भगोड़ा घोषित होने वाले पहले सांसद बन गए थे। इस तरह अतीक ने एक अनोखा रिकॉर्ड बना लिया था।

चहुंओर घिरता देख अतीक अहमद ने 2008 में यूपी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। तब सपा ने अतीक को पार्टी से निकाल दिया था। इसी रंजिश में अतीक अहमद ने मुलायम की बात मानने से इनकार करते हुए मनमोहन सरकार के विश्वास मत परीक्षण के दौरान खिलाफ में वोट किया था।
 

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