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असम राइफल्स के जवान ने अपने ही साथियों पर बरसाईं गोलियां, फिर खुद को भी उड़ा लिया; आधा दर्जन घायल

हमलावर सैनिक कुकी समुदाय से है। बाद में उसने खुद को गोली मार ली। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, हमले में घायल पीड़ित न तो मैतेई हैं और न ही मणिपुर के रहने वाले हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इंफालWed, 24 Jan 2024 12:14 PM
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हिंसाग्रस्त मणिपुर से फिर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। असम राइफल्स (AR) के एक जवान ने अपने ही साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी और फिर खुद गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस गोलीबारी में असम राइफल्स के 6 जवान घायल हुए हैं। उन्हें चुराचांदपुर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। मामला दक्षिण मणिपुर का है।

यह घटना एआर बटालियन परिसर में हुई। हमलावर जवान हिंसाग्रस्त मणिपुर के चुराचांदपुर का ही रहने वाला बताया जा रहा है। उसने अपने साथियों पर बंदूक से हमला कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर सैनिक कुकी समुदाय से था। बाद में उसने खुद को गोली मार ली। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, हमले में घायल पीड़ित न तो मैतेई हैं और न ही मणिपुर के रहने वाले हैं।

फिलहाल गोलीबारी के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। असम राइफल्स ने एक बयान जारी कर कहा कि "दुर्भाग्यपूर्ण घटना को मणिपुर में चल रहे (जातीय) संघर्ष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए"। केंद्रीय अर्धसैनिक बल ने कहा, "मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के मद्देनजर, किसी भी संभावित अफवाहों को दूर करने और किसी भी तरह की अटकलों से बचने की जरूरत है। इसके लिए घटना की सही और पारदर्शी जानकारी शेयर करना महत्वपूर्ण है।" बयान में आगे कहा गया, "असम राइफल्स की सभी बटालियनों में हर वर्ग के जवान हैं, जिसमें मणिपुर के विभिन्न समुदायों के लोग भी शामिल हैं। मणिपुर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए समाज के ध्रुवीकरण के बावजूद सभी कर्मी एक साथ रह रहे हैं और काम कर रहे हैं।"

बता दें कि ये घटना ऐसे समय में सामने आई है जब मणिपुर में सत्तारूढ़ गठबंधन के सात नागा विधायकों सहित 34 विधायकों ने केंद्र से कुकी उग्रवादी समूहों के साथ किए गए ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ (एसओओ) समझौते को रद्द करने और असम राइफल्स को हटाकर किसी अन्य सुरक्षा बल की तैनाती करने की मांग की है। विधायकों ने दावा किया कि कई क्षेत्रों में जब निहत्थे नागरिक (जिनमें अधिकतर किसान थे) हथियारबंद लोगों के हमले का शिकार हुए, तो असम राइफल्स ‘‘मूक दर्शक’’ बनी रही।

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