3pm-9pm तक रोड पर निकलना जोखिम भरा, UP के हाईवे पर सबसे ज्यादा मौतें; हादसों को लेकर बड़े खुलासे
2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,53,972 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। किसी वाहन को पीछे से टक्कर मारने के कारण सर्वाधिक 21.2 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुई हैं।
देश में साल 2021 में 19,478 सड़क दुर्घटनाएं वाहन चालक की गलती और लापरवाही के कारण हुईं। इनमें 9,150 लोगों की मौत हो गई और 19,077 लोग घायल हुए। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवर की ओर से अनुचित गति से वाहन चलाने, ध्यान भटकने या मोड़ का अनुमान गलत लगाने के कारण वाहन से नियंत्रण खो देने के कारण हुईं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021 टाइटल से यह रिपोर्ट पब्लिश हुई है। इसमें कहा गया है कि समग्र राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों पर दुर्घटना या फिर टक्कर होने के प्रकारों की प्रकृति 2020 की तुलना में 2021 में वृद्धि दर्शाती है।
अगर 2021 के सड़क हादसों के पैटर्न को समय के हिसाब से देखें तो शाम के 6 बजे से रात के 9 बजे तक समय काफी रिस्की रहा है। इसके बाद दोपहर के 3 बजे से लेकर शाम के 6 बजे के बीच सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल एक्सीडेंट्स में से 39% घटनाएं दोपहर 3 बजे से रात के 9 बजे के बीच हुई हैं। दूसरी ओर, रात के 12 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक का समय सड़क दुर्घटनाओं के हिसाब से सुरक्षित रहा है, जहां 2021 में 10% से भी कम घटनाएं हुईं।
2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,53,972 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। 2021 में किसी वाहन को पीछे से टक्कर मारने के कारण सर्वाधिक 21.2 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 18.6 प्रतिशत लोगों की मौत हुई। संकरी गलियों, तीखे मोड़ों, दो-तरफा यातायात के लिए अलग-अलग लेन वाली सड़कों और व्यस्त हिस्सों वाली सड़कों पर ही ज्यादातर वाहनों की आमने-सामने की टक्कर होती है। टक्कर के अन्य प्रमुख प्रकार हिट एंड रन (16.8 फीसदी) और साइड से हिट (11.9 फीसदी) हैं।
यूपी के नेशनल हाईवे पर सबसे अधिक मौतें
मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021 में उत्तर प्रदेश में नेशनल हाईवे पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या सबसे अधिक है। वहीं, तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुई हैं। इसके मुताबिक 2021 में कुल 1,997 सड़क दुर्घटनाएं चालकों की ओर से गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल किए जाने के कारण हुईं, जिनमें 1,040 लोगों की जान चली गई। इसमें कहा गया है कि 555 सड़क दुर्घटनाएं लाल बत्ती पार करने के कारण हुईं और 2021 में ऐसी घटनाओं में 222 लोगों की जान चली गई।
2021 में गड्ढों के कारण हुईं 3,625 दुर्घटनाएं
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में गड्ढों के कारण कुल 3,625 दुर्घटनाएं हुईं और 1,481 लोगों की मौत हो गई। इसमें कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र और राज्य सरकारों की सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों के माध्यम से लगाम लगाने की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए रणनीति तैयार की है।