नेहरू, पटेल और आंबेडकर ने किया था दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का विरोध: अमित शाह
अमित शाह ने दिल्ली के इतिहास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नेहरू, संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर और प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था।

संसद में दिल्ली सेवा बिल पर गुरुवार को तीखी बहस देखने को मिली। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली न तो पूर्ण राज्य का दर्जा रखती है और न ही यह पूरी तरह से केंद्र शासित प्रदेश है। उन्होंने इस दौरान दिल्ली के इतिहास का जिक्र करते हुए पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू, संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर और प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था और उसके चलते ही आज इसका यह स्वरूप है। अमित शाह ने कहा कि 1911 में अंग्रेजों ने महरौली और दिल्ली तहसीलों को मिलाकर गठित किया था। इसे पंजाब से अलग करके बनाया गया था।
विवाद तो बंगले पर खर्च छिपाने का है; संसद में अमित शाह का AAP पर तंज
इसके बाद पट्टाभि सीतारमैय्या ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। लेकिन पंडित नेहरू, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद और आंबेडकर जी ने इसका विरोध किया था। अमित शाह ने कहा कि नेहरू ने अपने भाषण में कहा था कि सीतारमैय्या समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में तीन चौथाई संपत्ति केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। आंबेडकर ने भी कहा था कि भारत की राजधानी में किसी भी स्थानीय प्रशासन को मुक्त अधिकार नहीं दिए जा सकते।
2015 के बाद से ही दिल्ली के अधिकार पर विवाद, पहले थी शांति
गृह मंत्री ने कहा दिल्ली में विधानसभा की शुरुआत 1993 में की गई थी। तब से कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारें रहीं और केंद्र में अलग सरकार थीं। फिर भी दोनों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ। असल में विवाद तो 2015 से शुरू हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर नहीं है बल्कि विजिलेंस को हाथ में लेकर बंगले पर किए गए खर्च को छिपाने पर है। अमित शाह ने इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों से समर्थन की भी अपील की।
कांग्रेस पर तंज- बिल पर सपोर्ट के बाद भी आपका साथ नहीं देगी AAP
उन्होंने कहा कि एक नया गठबंधन बनाने के लिए कुछ लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं। मैं तो कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि यदि वे इस बिल का विरोध कर भी देंगे तो भी आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में उसका साथ नहीं देगी। नेहरू का नाम लिए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे खुशी हुई कि अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की। मेरा तो मन किया कि उनके मुंह में घी-शक्कर डाल दूं। इस पर अमित शाह ने कहा कि मैंने नेहरू जी की तारीफ नहीं की बल्कि उन्होंने जो कहा था, उसका यहां जस का तस जिक्र किया।