akhilesh yadav plan for mainpuri loksabha up chunav shivpal yadav samajwadi party - India Hindi News अखिलेश यादव के लिए कैसे चैनपुरी बन सकती है मैनपुरी, चाचा शिवपाल भी हो जाएंगे राजी, India Hindi News - Hindustan
Hindi NewsIndia Newsakhilesh yadav plan for mainpuri loksabha up chunav shivpal yadav samajwadi party - India Hindi News

अखिलेश यादव के लिए कैसे चैनपुरी बन सकती है मैनपुरी, चाचा शिवपाल भी हो जाएंगे राजी

अखिलेश यादव परिवार से ही किसी नेता को लड़ाना चाहेंगे। ऐसे में नाराज चल रहे शिवपाल यादव को यदि यहां से मौका दिया जाए तो चाचा और भतीजे के बीच सियासी और एकता का आधार तैयार हो सकता है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 17 Oct 2022 10:35 AM
share Share
Follow Us on
अखिलेश यादव के लिए कैसे चैनपुरी बन सकती है मैनपुरी, चाचा शिवपाल भी हो जाएंगे राजी

मुलायम सिंह यादव के दिवंगत होने से समाजवादी पार्टी की सियासत और सैफई परिवार में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। इसके चलते अखिलेश यादव के सामने यह जिम्मेदारी है कि वह परिवार और पार्टी दोनों को साधें। इसकी शुरुआत का मौका मैनपुरी लोकसभा सीट का उपचुनाव भी हो सकता है। चर्चा है कि इस सीट से अखिलेश यादव परिवार से ही किसी नेता को लड़ाना चाहेंगे। ऐसे में शिवपाल यादव को यदि यहां से मौका दिया जाए तो चाचा और भतीजे के बीच सियासी और एकता का आधार तैयार हो सकता है। मैनपुरी में इस बार सहानुभूति पर वोट मिलना तय माना जा रहा है और एकता हुई तो यह सपा के लिए और बेहतर होगा।

दरअसल कयास इस बात के भी लग रहे हैं कि यदि शिवपाल यादव को सपा मौका नहीं देती है तो वह यहां से निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं। ऐसा हुआ तो इस सीट पर भले ही सपा जीत जाए, लेकिन 2024 के लिए यादव बेल्ट में पार्टी की हवा नहीं बन सकेगी। ऐसे में अखिलेश यादव की ओर से चाचा को ही लोकसभा उपचुनाव में उतरने का मौका दिया जा सकता है। कहा जाता है कि 2019 के आम चुनाव में भी शिवपाल यादव अपने लिए मैनपुरी से टिकट चाहते थे, लेकिन खुद नेताजी के ही उतरने के बाद उन्हें संतोष ही करना पड़ा था। 

कैसे मिलेगा शिवपाल को मौका देने का फायदा

अब वह एक बार से दावेदारी कर सकते हैं। यूं तो चर्चा धर्मेंद्र यादव और तेजप्रताप यादव के नामों की भी है, लेकिन ये दोनों नेता पहले से ही अखिलेश यादव के खेमे में हैं। ऐसे में शिवपाल यादव से एकता की कोशिश पर कोई काम नहीं हो सकेगा। इसलिए सपा के लिए सबसे मुफीद हो सकता है कि वह शिवपाल यादव को ही मैनपुरी से मौका दे दे। हालांकि कहा जा रहा है कि धर्मेंद्र यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है, जो पहले भी यहां से सांसद रह चुके हैं। धर्मेंद्र यादव को अखिलेश के करीबियों में गिना जाता है। सपा के नेता भी कहते हैं कि धर्मेंद्र यादव काफी ऐक्टिव रहते हैं और लोगों से मिलते रहते हैं।

स्वामी कनेक्शन के चलते धर्मेंद्र यादव भी रेस में

धर्मेंद्र यादव के नाम की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि वह बदायूं से भी सांसद रहे हैं। यहां से फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा सांसद हैं। यदि धर्मेंद्र यादव को मैनपुरी से मौका नहीं मिला तो वह 2024 में बदायूं से दावा ठोक सकते हैं। ऐसे में अखिलेश की ओर से उन्हें भी मौका मिल सकता है ताकि बदायूं में संघमित्रा के लिए जगह बनाई जा सके। फिलहाल संघमित्रा औपचारिक तौर पर भाजपा में हैं, लेकिन पिता के पालाबदल के बाद उनका पार्टी से अलग होना तय माना जा रहा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।