Hindi Newsदेश न्यूज़ajit doval reappointed as nsa and pk mishra as principal secretary to pm - India Hindi News

अजित डोभाल NSA के पद पर बने रहेंगे, पीएम के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा का भी बढ़ा कार्यकाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को फिर से नियुक्ति मिल गई है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा को भी सेवा विस्तार मिल गया है। दोनों को गुरुवार को ही सेवा विस्तार मिला।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 13 June 2024 05:25 PM
share Share

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को फिर से नियुक्ति मिल गई है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा को भी सेवा विस्तार मिल गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इन दोनों पद पर सेवा विस्तार को मंजूरी दी है। अब अजित डोभाल अगले 5 और सालों तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर बने रहेंगे। उन्हें कैबिनेट रैंक के अफसर का दर्जा मिला हुआ है, जो पहले की तरह ही बरकरार रहेगा। अजित डोभाल नई सरकार गठन के बाद अपने पहले असाइनमेंट पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ इटली जाने वाले हैं। यहां वह जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। 

इसके अलावा कुवैत में आग लगने से 42 भारतीयों की मौत की भी पीएम मोदी ने समीक्षा की। इस बैठक में भी डोभाल मौजूद थे। केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, 'कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजित डोभाल के नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह 10 जून, 2024 को नियुक्त हुए हैं। उनका कार्यकाल अगले आदेश तक या फिर पीएम के कार्य़काल तक बना रहेगा।' अजित डोभाल का मोदी सरकार के दौर में अच्छा रुतबा रहा है और उन्हें कैबिनेट की रैंक मिलती रही है। अजित डोभाल आईपीएस अधिकारी रहे हैं और खुफिया अफसर के तौर पर उनके काम की खूब सराहना की जाती है। 

वह 2014 में ही पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर जुड़े थे। भारत की सुरक्षा नीति पर अजित डोभाल की छाप देखी जाती है। वह जम्मू-कश्मीर में पाक प्रेरित आतंकवाद और देश एवं विदेश में खालिस्तान के उभार के संकट से निपटने में अहम रोल अदा कर रहे हैं। बता दें कि अरब देशों के साथ भारत के बेहतर रिश्तों के पीछे भी डोभाल की भूमिका मानी जाती है। मोदी सरकार के दौर में भारत ने पाकिस्तान पर सख्त नीति का पालन किया है। उड़ी पर अटैक के बाद भारत ने हमला बोला था। इसके अलावा पुलवामा अटैक के बाद भी भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए कार्रवाई की थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें