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ड्यूटी के दौरान पहली बार अग्निवीर की गई जान, सियाचिन में थी तैनाती; परिजनों को मिलेगा मुआवजा

काराकोरम पर्वत श्रृंखला में 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है।

Niteesh Kumar एजेंसी, श्रीनगरMon, 23 Oct 2023 12:13 AM
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ड्यूटी के दौरान पहली बार अग्निवीर की गई जान, सियाचिन में थी तैनाती; परिजनों को मिलेगा मुआवजा

सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर की मौत हो गई। सेना की लेह स्थित 'फायर एंड फ्यूरी कोर' ने रविवार को यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मण ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले देश के पहले अग्निवीर जवान हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंक के कर्मियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण की मौत पर शोक जताया है। काराकोरम पर्वत श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है। यह पता चला है कि शनिवार तड़के लक्ष्मण की मौत हो गई।

'फायर एंड फ्यूरी कोर' ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'फायर एंड फ्यूरी कोर के सभी अधिकारी सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।' सैन्य सूत्रों ने बताया कि अग्निवीरों की भर्ती करने के नियमों में ड्यूटी पर दुर्घटनाओं में मौत होने की स्थिति में परिलाभ शामिल है। इसके मुताबिक, मृतक अग्निवीर के परिजनों को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी।

सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये
इसके अलावा, परिजनों को सेवा निधि से भी राशि मिलेगी जिसमें अग्निवीर के योगदान (30 प्रतिशत), सरकार की ओर से समान योगदान और उस पर ब्याज की राशि शामिल है। सूत्रों ने कहा कि परिजनों को मृत्यु की तारीख से 4 साल में बचे शेष कार्यकाल का वेतन (13 लाख रुपये से अधिक राशि) भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को 'सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष' से 8 लाख रुपये की राशि भी दी जाएगी। गौरतलब है कि पुंछ सेक्टर में जम्मू कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में सेवारत अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को मौत हो गई थी। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में उनकी अंत्येष्टि की गई।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर में जान गंवाने वाले अग्निवीर सिंह को शहीद का दर्जा देगी। सिंह की अंत्येष्टि सैन्य सम्मान के साथ नहीं किए जाने से उपजे विवाद के बीच उनका यह बयान आया है। सीएम मान मानसा जिले में कोटली कलां गांव स्थित अमृतपाल सिंह के घर गये, उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। सेना ने कहा था कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। सिंह का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ नहीं किया गया, क्योंकि खुद को पहुंचाई गई चोट से होने वाली मौत के मामले में ऐसा सम्मान नहीं दिया जाता है।

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