2016 के बाद से बीजेपी को मिला सबसे ज्यादा चंदा, जानिए कहां टिकती है कांग्रेस?
डीएमके ने 431.50 करोड़ रुपये (कुल दान का 90.703%) चुनावी बांड से हासिल किया। इसके बाद टीआरएस ने 383.6529 करोड़ रुपये (80.45%) और वाईएसआर-सी ने 330.44 करोड़ रुपये (72.43%) चुनावी बांड से घोषित किए।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2016-2022 के बीच सबसे अधिक चंदा मिला है। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी द्वारा घोषित चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे से तीन गुना से भी अधिक है। वित्त वर्ष 2016-17 और 2021-22 के बीच, बीजेपी ने सबसे अधिक 10122.031 करोड़ रुपये का चंदा घोषित किया था। उसके बाद कांग्रेस (1547.439 करोड़ रुपये) और तृणमूल कांग्रेस (823.301 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। भाजपा द्वारा घोषित कुल चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित कुल चंदे से तीन गुना से भी अधिक है। भाजपा को मिले कुल चंदे का 52% से अधिक (5271.9751 करोड़ रुपये) चुनावी बांड से आए, जबकि अन्य सभी राष्ट्रीय दलों ने बांड के जरिए 1783.9331 करोड़ रुपये हासिल किए। कॉर्पोरेट घरानों से दान के मामले में, भाजपा ने सबसे अधिक 3299.85 करोड़ रुपये (कुल दान का 32.60%) दान की घोषणा की।
जहां तक क्षेत्रीय दलों का सवाल है, एडीआर ने बताया कि यहां भी भाजपा सबसे आगे रही। भाजपा ने सबसे अधिक कुल दान (692.609 करोड़ रुपये) की घोषणा की है, उसके बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 476.893 करोड़ रुपये, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने 475.73 करोड़ रुपये और वाईएसआर-कांग्रेस ने 456.206 करोड़ रुपये की घोषणा की। एडीआर रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “बीजद के कुल दान का 89.81% से अधिक 622 करोड़ रुपये चुनावी बांड से आया। डीएमके ने 431.50 करोड़ रुपये (कुल दान का 90.703%) चुनावी बांड से हासिल किया। इसके बाद टीआरएस ने 383.6529 करोड़ रुपये (80.45%) और वाईएसआर-सी ने 330.44 करोड़ रुपये (72.43%) चुनावी बांड से घोषित किए।"
ADR ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि राष्ट्रीय पार्टियों के लिए, 2017-2022 के बीच चुनावी बांड से दान में 743% की भारी वृद्धि हुई, जबकि कॉर्पोरेट दान में यह वृद्धि केवल 48% थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया, “भाजपा द्वारा घोषित कॉरपोरेट चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों के कुल कॉरपोरेट चंदे से कम से कम तीन-चार गुना अधिक है।” एडीआर ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया कि उसने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए वित्त वर्ष 2016-17 और वित्त वर्ष 2021- 22 के बीच की समयावधि में 31 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (7 राष्ट्रीय और 24 क्षेत्रीय) द्वारा प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) का विश्लेषण किया था।