Hindi Newsदेश न्यूज़A constitution bench of SC on Thursday will pronounce its verdict on validity of Section 377 of the IPC

समलैंगिकता अपराध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट आपसी सहमति से स्थापित समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने वाली आईपीसी की धारा 377 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा। इस मामले में चली सुनवाई...

नई दिल्ली, एजेंसी। Wed, 5 Sep 2018 05:26 PM
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सुप्रीम कोर्ट आपसी सहमति से स्थापित समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने वाली आईपीसी की धारा 377 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा। इस मामले में चली सुनवाई के बाद फैसला 17 जुलाई को सुरक्षित रख लिया गया था।  चीफ दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ कल सुबह 10.30 बजे इस मामले में फैसला सुनाएगी।

पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि आईपीसी की धारा 377 से सहमति से समलैंगिक यौन रिश्तों के अपराध के दायरे से बाहर होते ही एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रति इसे लेकर सामाजिक कलंक और भेदभाव भी खत्म हो जायेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि कई सालों में भारतीय समाज में ऐसा माहौल बना दिया गया है जिसकी वजह से इस समुदाय के साथ बहुत अधिक भेदभाव होने लगा। 

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर , न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा ऐसे लोगों के साथ भेदभाव ने उनके मानसिक स्वास्थ पर भी प्रतिकूल असर डाला है। 

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