करनाल और फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की 6 EVM की होगी जांच, कांग्रेस उम्मीदवारों की शिकायत पर चुनाव आयोग ने दिया आदेश
करनाल से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर और फरीदाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर चुनाव जीते हैं। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से चुनाव के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी।
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा की 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। इनमें करनाल और फरीदाबाद सीट शामिल हैं। इनकी अब ईवीएम चेक कराई जाएगी। करनाल लोकसभा सीट से करनाल में 2 ईवीएम और पानीपत सिटी की 2 ईवीएम चेक करवाई जाएंगी। यानी करनाल लोकसभा सीट की 4 ईवीएम चेक की जाएंगी। वहीं, फरीदाबाद लोकसभा सीट के बड़खल बूथ की 2 ईवीएम चेक करवाई जाएंगी।
करनाल से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और फरीदाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर चुनाव जीते हैं। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से चुनाव के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। इसे लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई थी। करनाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर ई.वी.एम. की जांच करने की मांग की थी। वहीं, फरीदाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप ने भी गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
करनाल से मनोहर लाल और फरीदाबाद से गुर्जर ने दर्ज की है जीत
चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत के 8 आवेदन आए थे। इनमें हरियाणा के करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीट के भी नाम शामिल थे। इनमें ई.वी.एम. की मैमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की जांच की मांग की गई थी। करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। करनाल से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को हराया।
खट्टर यहां से 2 लाख 32 हजार 577 वोटों के बड़े अंतर से जीते थे। वहीं, फरीदाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने कृष्णपाल गुर्जर को उम्मीदवार बनाया था। यहां से उन्होंने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को हराकर जीत हासिल की। गुर्जर ने यह सीट 1 लाख 72 हजार 914 वोटों के अंतर से जीती थी।
'चुनाव आयोग में 2 लाख रुपए फीस जमा करवाई'
करनाल से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया कि हमने 4 बूथों पर ई.वी.एम. में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके लिए आयोग में 2 लाख रुपए फीस के रूप में जमा करवाए। हालांकि आयोग ने यह व्यवस्था पहली बार की है, लेकिन कमीशन की ओर से टैक्नीकल एस.ओ.पी. जारी नहीं की गई है कि वह ई.वी.एम. कैसे चेक करवाएंगे। आयोग ने भरोसा दिया है कि ई.वी.एम. की जांच को लेकर उनकी पूरी संतुष्टि करवाएंगे। मैं खुद भी इंजीनियर हूं इसलिए मैं खुद इसकी तह तक जाऊंगा। इसके साथ ही हम आयोग पर एस.ओ.पी. जारी कराने के लिए दबाव बना रहे हैं।
'पहली बार ईवीएम चेक करवाने को लेकर गाइडलाइन जारी'
यह पहली बार है कि चुनाव आयोग ने ईवीएम चेक करवाने को लेकर गाइडलाइन जारी की है। 4 जून को काऊंटिंग से पहले 1 जून को आयोग की ओर से यह गाइडलाइन आई थी। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि रिजल्ट आने के बाद जो भी सैकेंड पोजीशन वाला उम्मीदवार है, वह ई.वी.एम. चेक करवाने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए आयोग की ओर से एक ई.वी.एम. चेक करवाने के लिए 50 हजार रुपए की फीस रखी गई है। इसके लिए उम्मीदवार को रिजल्ट आने के 7 दिन के भीतर ही आवदेन किया जाना जरूरी है।
रिपोर्ट: मोनी देवी