गैर-इरादतन गाली महिला का अपमान नहीं, केरल हाई कोर्ट ने फिल्म निर्देशक को दी राहत
- केरल हाई कोर्ट ने फिल्ममेकर श्रीकुमार मेनन को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ महिला अभिनेत्री के अपमान का केस खारिज कर दिया है।
केरल हाई कोर्ट ने फिल्ममेकर श्रीकुमार मेनन को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ महिला अभिनेत्री के अपमान का केस खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि गैर-इरादतन महिला को गाली देना या उसके खिलाफ खराब भाषा का इस्तेमाल उसका अपमान नहीं है। श्रीकुमार मेनन के खिलाफ मशहूर मलयालम अभिनेत्री मंजू वॉरियर ने यह आरोप लगाए थे। वॉरियर के मुताबिक साल 2018 में मोहनलाल अभिनीत फिल्म ओडियान के निर्माण के दौरान श्रीकुमार ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर भी गलत भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया था।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस मनु की सिंगल बेंच ने की। कोर्ट ने पाया कि अभिनेत्री द्वारा लगाए गए आरोप महिला के अपमान के मामले में पर्याप्त नहीं हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि महिला की मर्यादा का अपमान करने या उसकी निजता में दखल देने के इरादे के बिना केवल अप्रिय या अपमानजनक शब्दों का उच्चारण आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध नहीं है। इसके अलावा, सार्वजनिक रूप से अश्लील शब्दों का उपयोग करके पीछा करने के आरोपों के पक्ष में भी पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
अभिनेत्री ने 2019 में फिल्म निर्माता के खिलाफ कथित तौर पर संगठित सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से उन्हें बदनाम करने की कोशिश करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर, श्रीकुमार मेनन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, त्रिशूर टाउन ईस्ट पुलिस द्वारा मेनन के खिलाफ दर्ज एफआईआर और मामले में आगे की सभी कार्रवाइयां भी रद्द कर दी गई हैं।
जानकारी के मुताबिक मेनन के खिलाफ त्रिसूर ईस्ट पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें आईपीसी की धारा 354 डी (पीछा करना), 294 (बी) (अश्लील कृत्यों और गीतों), 509 (शब्द, हावभाव या एक महिला की विनम्रता का अपमान करने का इरादा) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) (किसी व्यक्ति को उपद्रव पहुंचाना) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ा था।