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Vande Bharat: लो आ गई एक और खुशखबरी; एक नहीं, बल्कि इतनी स्लीपर वंदे भारत का हो रहा प्रोडक्शन

  • Sleeper Vande Bharat: रेल मंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। पहला प्रोटोटाइप भी निर्मित हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 09:51 PM
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Sleeper Vande Bharat: देशभर में विभिन्न रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। पिछले पांच सालों में वंदे भारत लगभग राज्य को मिल गई है। अब सरकार की तैयारी स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च करने की है। इसके जरिए, लंबी दूरी की यात्रा आराम से सोते हुए यात्री कर सकेंगे, जबकि अब तक चेयर कार वाली वंदे भारत ट्रेनें ही चल रही थीं। अब स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने बताया है कि 10 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का अभी प्रोडक्शन चल रहा है। साथ ही, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक का निर्माण प्रौद्योगिकी साझेदारों को सौंपा गया है। यानी कि आने वाले दिनों में एक के बाद एक कई स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें दिखाई देने वाली हैं।

रेल मंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। पहला प्रोटोटाइप भी निर्मित हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा। ट्रेन के रोलआउट की समयसीमा परीक्षणों के सफल समापन पर निर्भर है। वहीं, दो दिसंबर 2024 तक, देशभर में छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रखे गए एक वक्तव्य में कहा कि विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में चेयर कार युक्त 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं, अक्टूबर 2024 तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की कुल क्षमता 100% से अधिक है।

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वहीं, एक और सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच का उत्पादन कर रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी कोच का उत्पादन लगातार बढ़ा है। 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोच की संख्या 2004-14 के दौरान निर्मित (2,337) संख्या से 16 गुना (36,933) अधिक है। भारतीय रेलवे (आईआर) ने एलएचबी कोचों की भरमार कर दी है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं।

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