पीएम मोदी को 'शिवलिंग पर बिच्छू' बताकर फंसे थे शशि थरूर, सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
- 2018 में शशि थरूर ने कहा था कि एक आरएसएस नेता ने ही नरेंद्र मोदी की तुलना ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ से की थी। इसको लेकर मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से शशि थरूर को राहत मिल गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिच्छू से तुलना करने वाले बयान पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शशि थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। 10 सितंबर यानी आज ही उन्हें इस मामले में ट्रायल कोर्ट के सामने पेश भी होना था। शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी जिसमें उन्हें कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था।
जस्टिर ऋषिकेश रॉय और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने मानहानि का केस करने वाले बीजेपी नेता राजीव बब्बर को भी नोटिस जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि शशि थरूर ने 'शिवलिंग पर बिच्छू' कहकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया था और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाया था। बेंच ने दिल्ली पुलिस से भी मामले पर जवाब मांगा है और चार सप्ताह बाद सुनवाई करने की बात कही है।
सुनवाई के दौरान थरूर की तरफ से पेश हुए वकील मोहम्मद अली खान ने कहा कि बब्बर या फिर पार्टी का अन्य कोई सदस्य इस तरह से आपराधिक मानहानि का केस नहीं कर सकता। जिसपर टिप्पणी करने की बात कही जा रही है जब उसने कोई ऐक्शन नहीं लिया तो अन्य किसी को मानहानि का केस करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि थरूर ने अच्छी भावना से कोई बात कही ती। इसमें अपराध का सवाल नहीं उठता है। उनके मुताबिक थरूर ने 2012 में नरेंद्र मोदी पर प्रकाशित एक आर्टिकल का जिक्र किया था। उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस केस को रद्द करने की याचिका फाइल की थी। हालांकि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी गलत है। हाई कोर्ट ने कहा था कि कार्यवाही निरस्त करने का कोई आधार नहीं है। बता दें कि शशि थरूर ने 2018 में दावा किया था कि आरएसएस के ही एक नेता ने प्रधानमंत्री की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी। 2019 में निचली अदालत ने थरूर को इस मामले में जमानत दे दी थी।