अजित पवार बड़े नेता, युगेंद्र से तुलना नहीं; शरद पवार ने बताई अपनी हार की वजह
- शरद पवार ने कहा कि युगेंद्र और अजित पवार की तुलना नहीं की जा सकती। वह लंबे समय से पार्टी संगठन में काम कर रहे हैं और अब बड़े नेता हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव में उनकी हार क्यों हुई।
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को करारी हार मिली है। उसमें भी घटक दल एनसीपी (शरद पवार) की हालत पस्त हो गई। पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने इस हार की वजह बताते हुए कहा कि केवल एक योजना और ध्रुवीकरण की वजह से महायुति बाजी मार ले गई। उन्होंने कहा कि लड़की बहन योजना ने महायुति को जीत दिलाई है। उन्होंने कहा, बीजेपी और उनके साथी जनता से झूठ बोलने लगे। वे कहने लगे कि अगर सत्ता में उनकी वापसी ना हुई तो यह योजना खत्म कर दी जाएगी। इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान 'बटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे से ध्रुवीकरण किया गया।
महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम आने के बाद शरद पवार ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जनता ने जो फैसला सुनाया है वह स्वीकार है। मैं कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हूं। मैंने कभी इस तरह का अनुभव नहीं किया। हम इस पर मंथन करेंगे। बता दें कि शरद पवार की पार्टी चुनाव में केवल 10 सीटें बचा पाई है। उन्होंने कहा कि परिणामों पर मंथन किया जाएगा और फिर नई ताकत के साथ काम शुरू होगा। उन्होंने कहा, परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं थे। लेकिन यह जनता का निर्णय है। मैं हार के बारे में और जानकारी इकट्ठा करूंगा। इसके बाद नई ताकत के साथ काम शुरू होगा।
पवार ने कहा कि केवल चुनाव जीतने के लिए ही महायुति ने लड़की बहन योजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, इन लोगों ने जनता से झूठ भी बोला कि अगर वे सत्ता में वापस नहीं आए तो नई सरकार इस योजना को खत्म कर देगी। इससे बहुत प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा इस योजना की वजह से ही महिला वोट बढ़ गए।
पवार ने कहा, अब तक कार्यकर्ताओं से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हार के पीछे लड़की बहन योजना बड़ा कारण थी। पहले महिला वोटरों को पैसे दिए गए और फिर इसका प्रचार किया गया। पिछले दो तीन महीने से महिलाओं के खाते में पैसे जा रहे थे। इसके अलावा बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे से ध्रुवीकरण किया गया। शरद पवार ने ईवीएम के बारे में बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक पूरी जानकारी नहीं मिलती, इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता।
बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार की पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 41 सीटें जीती हैं। शरद पवार से जब पोते युगेंद्र पवार की हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, किसी को तो बारामती से उतारना था। अगर हम किसी को ना उतारते तो गलत संदेश जाता। हमें पता था कि अजित पवार और युगेंद्र के बीच तुलना नहीं की जा सकती। अजित पवार पार्टी संगठन में काम करते रहे हैं। वहीं युगेंद्र अभी अनुभवहीन थे। एक्टिव पॉलिटिक्स से रिटायरमेंट को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, इस तरह के फैसले साथियों की सलाह पर होते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने 288 में से 234 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया है।