Notification Icon
Hindi Newsदेश न्यूज़RG Kar Medical College and Hospital rape murder case Permission for polygraph test

कोलकाता कांड के खुलेंगे कई सारे भेद? मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ियों की होगी CBI जांच

  • कोर्ट ने इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और 5 अन्य के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दे दी है। 5 अन्य लोगों में 4 डॉक्टर और 1 वालंटियर शामिल हैं, जिन्होंने मृत डॉक्टर के साथ रात का खाना खाया था।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 Aug 2024 12:31 PM
share Share

कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंप दी है। अदालत ने जांच राज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (SIT) से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। यह फैसला चिकित्सा प्रतिष्ठान के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका के बाद आया है। उन्होंने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराने की अपील की थी। जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को 3 सप्ताह के भीतर जांच संबंधी प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी और तभी अदालत रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।

14 दिनों की हिरासत में भेजा गया कोलकाता कांड का आरोपी, अब उगलेगा राज?

दूसरी ओर, सियालदह कोर्ट ने इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और 5 अन्य के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दे दी है। 5 अन्य लोगों में 4 डॉक्टर और 1 वालंटियर शामिल हैं, जिन्होंने मृत डॉक्टर के साथ रात का खाना खाया था। रिपोर्ट में सामने आया है कि पीड़िता ने घटना वाली रात वारदात से पहले अपने कुछ सहकर्मियों के साथ डिनर किया था। इसके बाद वह मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में चली गई थी। 9 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे उसका शव मिला था। कहा गया कि रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। घटना के एक दिन बाद ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया जिसे कोर्ट ने आज 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

संजय रॉय सीसीटीवी में पीड़िता को घूरता हुआ आया नजर, 8 अगस्त को किया था पीछा

एससी ने FIR दर्ज करने में देरी पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सख्त लहजे में कहा था कि इस मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी बेहद व्यथित करने वाली है। न्यायालय ने बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के अवरुद्ध होने के 14वें दिन प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से काम पर लौटने का आग्रह भी किया। एससी ने केंद्र और राज्य सरकारों को देशभर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही, कोलकाता की घटना में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी और इसके पीछे के कारणों पर सवाल उठाए। इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने डॉक्टर्स की सुरक्षा, प्रदर्शनकारियों के अधिकारों और पश्चिम बंगाल सरकार की जिम्मेदारियों से संबंधित कई निर्देश जारी किए। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें