PoK के पीएम ने भारत के खिलाफ उगला जहर, अब राजनाथ सिंह ने लगाई लताड़
- रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान 1965 से अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। हमारे मुस्लिम भाइयों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक की भारत पर की गई टिप्पणी को लेकर करारा प्रहार किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके में इस समय पाकिस्तान आतंकवाद का कारोबार कर रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि पीओके के बिना जम्मू कश्मीर अधूरा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की भूमि का इस्तेमाल आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया।
अखनूर में आयोजित 'नौवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह' के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, "जम्मू-कश्मीर PoK के बिना अधूरा है। पाकिस्तान के लिए PoK एक विदेशी क्षेत्र के अलावा और कुछ नहीं है। PoK की भूमि का इस्तेमाल आतंकवाद के व्यापार को चलाने के लिए किया जा रहा है। आतंकी प्रशिक्षण शिविर वहां चल रहे हैं। पाकिस्तान को इन्हें नष्ट करना होगा, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।"
रक्षा मंत्री ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान 1965 से अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। हमारे मुस्लिम भाइयों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी है। आज भी 80% से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर रहे हैं। अगर 1965 में युद्ध के दौरान हासिल रणनीतिक बढ़त को सही तरीके से इस्तेमाल किया गया होता, तो सीमा पार आतंकवाद उसी समय खत्म हो सकता था।"
PoK प्रधानमंत्री के भारत विरोधी बयान पर प्रतिक्रिया
पिछले सप्ताह PoK के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रच रहा है और हाल ही में हुए प्रदर्शनों के दौरान अशांति फैलाने के लिए धन उपलब्ध करा रहा है।
जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच खाई पाटने पर जोर
राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच की खाई को पाटने की है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। अखनूर में पूर्व सैनिक दिवस समारोह का आयोजन यह साबित करता है कि अखनूर का हमारे दिलों में वही स्थान है जो दिल्ली का है।"
पूर्व सैनिक दिवस का महत्व
सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिक दिवस हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्ति ली थी। 2016 में पहली बार मनाए गए इस दिवस पर पूर्व सैनिकों की सेवा को सम्मानित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।