एकनाथ शिंदे की बढ़ रही नाराजगी? देवेंद्र फडणवीस की बैठक में नहीं गए, कैबिनेट मीटिंग से भी दूरी
- सोमवार को देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली वॉर रूम मीटिंग में नहीं जाने के अलावा शिंदे ने दो समीक्षा बैठकें भी रद्द कर दी थीं। इनमें एक शहरी विकास विभाग और दूसरा जल आपूर्ति विभाग की थी।
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपनी ही सरकार से उखड़ते नजर आ रहे हैं। अब उन्होंने बैठकों से भी दूरी बनाना शुरू कर दी है। खबर है कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से बुलाई गई सोमवार को एक बैठक में नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि उनकी नाराजगी की वजह पालकमंत्री पद को लेकर जारी मतभेद नहीं सुलझना है।
सोमवार को फडणवीस की अध्यक्षता वाली वॉर रूम मीटिंग में नहीं जाने के अलावा शिंदे ने दो समीक्षा बैठकें भी रद्द कर दी थीं। इनमें एक शहरी विकास विभाग और दूसरा जल आपूर्ति विभाग की थी। इसके अलावा वह बीते सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंचे थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिंदे इस बात से खफा है कि सीएम के दावोस से लौटने के 10 दिन बाद भी रायगढ़ और नाशिक जिलों के पालकमंत्री पद को लेकर जारी विवाद नहीं सुलझ सका है।
दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अदिति तटकरे को रायगढ़ और भारतीय जनता पार्टी के गिरीश महाजन को नाशिक जिले का पालकमंत्री बनाए जाने पर शिवसेना ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद इन नियुक्तियों को रोक दिया गया था। शिवसेना ने दोनों ही पदों पर दावा पेश किया है। एक ओर जहां भरत गोगावले रायगढ़ तो दादा भुसे नाशिक के पालकमंत्री बनना चाह रहे हैं। शिंदे भी कह चुके हैं कि पालकमंत्री बनने की चाह रखना गलत नहीं है।
पहले माना जा रहा था कि WEF यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से फडणवीस की वापसी के बाद मुद्दा सुलझ सकेगा, लेकिन फिलहाल मामला खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा चर्चाएं ये भी हैं कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शीर्ष पद नहीं मिलने से वह अब तक नाराज हैं। 2022 में शिवसेना से अलग होने के बाद बनी राज्य सरकार में शिंदे को सीएम बनाया गया था।