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Hindi Newsदेश न्यूज़Rahul Gandhi Clarifies Comment says Will Take Reservation Beyond 50 percent

50% के पार ले जाएंगे... विरोधियों के निशाने पर आने के बाद आरक्षण पर राहुल गांधी का स्पष्टीकरण

राहुल गांधी ने अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएंगे।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 11 Sep 2024 04:21 PM
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लोकसभा में नेता विपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज (बुधवार, 11 सितंबर) स्पष्ट किया है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं और आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को खत्म करने के हिमायती हैं। राहुल का यह स्पष्टीकरण कथित रूप से उनकी आरक्षण विरोधी टिप्पणी के बाद आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएगी।

राहुल ने अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक साक्षात्कार के दौरान कहा, "कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएंगे।" राहुल की जिस टिप्पणी ने विवादों को जन्म दिया है, वह वाशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान कल की गई थी।

राहुल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तभी सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और फिलहाल ऐसा नहीं है। राहुल की यह टिप्पणी प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों के सवाल पर आई थी। विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।’’

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राहुल ने कहा, ‘‘जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं। दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं। सचाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी भागीदारी करने में सक्षम नहीं है। भारत के हर एक ‘बिजनेस लीडर’ की सूची देखें। मैंने ऐसा किया है। मुझे आदिवासी नाम दिखाओ। मुझे दलित नाम दिखाओ। मुझे ओबीसी नाम दिखाओ। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत की आबादी का 50 प्रतिशत हैं। लेकिन हम बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही समस्या है। अब, यह (आरक्षण) एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।’’  (भाषा इनपट्स के साथ)

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