पंजाब में होगा बड़ा बदलाव? 21 अफसरों के ट्रांसफर; मंत्री धालीवाल से छिना विभाग
- दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद पंजाब में भी सियासी घटनाक्रम तेज हो गए हैं। पंजाब की सरकार ने मंत्री धालीवाल से एक अहम जिम्मा छीन लिया है। वहीं कई अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद पंजाब में भी पावर ट्रांसफर की अटकलें चल रही हैं। इसी बीच पंजाब की सरकार ने सरकारी अधिकारियों पर एक्शन लेना शुरू किया है। कई अधिकारियों को बर्खास्त किया गया। अब कम से कम 21 अफसरों के तबादले कर दिए गए हैं। इसी बीच पंजाब सरकार को 20 महीने बाद यह अहसास हुआ कि एक बड़े नेता को जो मंत्रालय दिया गया है उसका कोई काम ही नहीं है। सरकारी आदेश जारी करते हुए मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार विभाग छीन लिया गया। अब उनके पास केवल एनआरआई मामलों का विभाग है।
पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन में कहा गया कि धालीवाल को दिया गया मंत्रालय वास्तव में है ही नहीं। धालीवाल के पास एनआरआई और प्रशासनिक सुधार विभाग दोनों थे। एक विभाग छीने जाने का अब उनके पास एक ही जिम्मेदारी रह गई है। धालीवाल को पहले कृषि मंत्रालय भी दिया गया था। हालांकि मई 2023 में मंत्रिमंडल में बदलाव किया गया और उनसे यह अहम विभाग ले लिया गया। बता दें कि धालीवाल पंजाब की कैबिनेट में पांचवें सबसे सीनियर मंत्री हैं। भगवंत मान, हरपाल चीमा, अमन अरोड़ा और बलजीत कौर के बाद उनका ही नाम आता है।
बता दें कि शुक्रवार शाम पंजाब के गृह विभाग ने आईपीएस अधइकारियों का दबादला कर दिया था। इसमें कई एसएसपी, सीपी औऱ डीआईजी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। फिरोजपुर और लुधियाना रेंज के डीआईजी, एआईजी इंटेलिजेंस, एआईजी क्राइम, गवर्नर के एडीसी समेत कई अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। वहीं एजी ऑफिस के वकीलों का सामूहिक इस्तीफा मांगा जा रहा है। ऐसे में पंजाब में सियासी स्थिति तनावपूर्ण हो रही है।
दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी के सामने पंजाब में भी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। चुनाव के दौरान ही खबरें आई थीं कि पंजाब में कई विधायक दूसरी पार्टी के साथ संपर्क में हैं। चुनाव में हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने तत्काल पंजाब सरकार के मंत्रियों की दिल्ली में बैठक बुलाई थी। बताया गया कि इसमें पंजाब में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई है। वहीं हाल ही में AAP नेता और पंजाब सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा के हिंदू मुख्यमंत्री वाले बयान पर सियासत गर्म हो गई। भगवंत मान ने यहां तक कह दिया था कि कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है और वह पद छोड़ने को तैयार हैं।