संसद का शीतकालीन सत्र आज से; वक्फ बिल समेत सूची में 16 विधेयक, अडानी मामले पर घेरेगा विपक्ष
- गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया। विभिन्न कारणों से जम्मू-कश्मीर में बदलाव किए, लेकिन हिंसा में कथित संलिप्तता के बावजूद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर अपना भरोसा बनाए रखा।
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के नेता अपनी संयुक्त रणनीति बनाने को लेकर सोमवार सुबह बैठक करेंगे। विपक्षी दलों के नेता सुबह 10 बजे राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में मिलेंगे। इस मीटिंग में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भी भाग लेने की संभावना है। विपक्ष अमेरिका में अडानी पर आरोप, मणिपुर हिंसा और मूल्य वृद्धि समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। यह बैठक भाजपा नीत गठबंधन के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने और झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के दो दिन बाद होने वाली है।
विपक्षी दलों ने रविवार को केंद्र से अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष ने मांग की है कि गौतम अडानी को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए। विपक्ष ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की है।
16 विधेयकों पर चर्चा किए जाने की संभावना
मालूम हो कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 16 विधेयकों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। इन विधेयकों में वक्फ संशोधन विधेयक भी है जिसको लेकर विपक्ष के नेता गंभीर आरोप लगा रहे हैं। कहा गया कि विधेयक की जांच पड़ताल के लिए बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल इससे जुड़ी बैठकों में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। इसलिए इस विधेयक पर विचार के लिए जेपीसी को और समय दिया जाना चाहिए।
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में चर्चा की मांग
मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया। विभिन्न कारणों से जम्मू-कश्मीर में बदलाव किए, लेकिन हिंसा में कथित संलिप्तता के बावजूद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर अपना भरोसा बनाए रखा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। बैठक में आंध्र प्रदेश में भाजपा के दो सहयोगी दलों तेलुगु देशम पार्टी और जन सेना पार्टी ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत 2014 में राज्य के विभाजन के दौरान किए गए वादों के लंबित कार्यान्वयन का मुद्दा उठाया। साथ ही, कहा गया कि संसद को उनकी वर्तमान स्थिति पता होनी चाहिए।
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