एक राष्ट्र एक चुनाव: लोकसभा में कौन सी पार्टियां देंगी भाजपा का साथ? इन्होंने छेड़े विरोध के सुर
- लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक पेश हो गया है। इस दौरान जहां टीडीपी सहित कुछ सहयोगी दलों ने विधेयक का समर्थन किया है, वहीं कुछ पार्टियों ने विरोधी सुर छेड़े हैं।
देश में जल्द ही लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी चल रही है। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पेश कर दिया है। इस बीच बिल पास कराने के समीकरणों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इंडिया गठबंधन के कई दलों ने इस बिल को लेकर विरोध जताया है। जहां एक तरफ भाजपा और उसके सहयोगियों ने विधेयक का समर्थन करने की बात की है वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) सहित कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है।
गौरतलब है कि कुल 32 पार्टियों ने एक राष्ट्र एक चुनाव कदम का समर्थन किया है। वहीं 15 दूसरी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने भी इस विधेयक का समर्थन करने की बात की है जो निर्णायक भूमिका निभाएंगे। लोकसभा की बात करें तो यहां फिलहाल 542 सांसद है। सरकार को इस बिल को पास कराने के लिए एनडीए के सांसदों के साथ-साथ इस YSRCP, बीजू जनता दल और AIADMK के सांसदों के समर्थन की जरूरत भी पड़ेगी।
इस बीच कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी विधेयक का जोरदार विरोध करेगी। जयराम रमेश ने कहा है कि भाजपा का असली उद्देश्य नया संविधान लाना है। जयराम रमेश ने कहा, "हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है। हमारा मानना है कि यह बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है और इसका उद्देश्य इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटना है।" उद्धव गुट वाली शिवसेना ने भी एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध किया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "यह संविधान पर हमला है। यह चुनाव प्रक्रिया से छेड़छाड़ है। भाजपा सत्ता का केंद्रीकरण करना चाहती है। हम इस विधेयक का विरोध करेंगे।"
कांग्रेस के साथ कई मुद्दों पर मतभेद होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने भी कहा है कि वह इस विधेयक का विरोध करेगी। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर कहा, "एक तरह से यह संविधान को नष्ट करने की एक और साजिश है।" वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी भी विधेयक का विरोध करेगी। टीएमपी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि यह विधेयक लोगों से मतदान करने के उनके मौलिक अधिकार को छीन लेगा। डीएमके सुप्रीमो और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि उनके सांसद भी विधेयकों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा का अंतिम लक्ष्य राष्ट्रपति शासन प्रणाली की शुरुआत करना है।
विरोध के बीच टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस ने एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन किया है। वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिथुन रेड्डी ने कहा कि पार्टी को एक साथ चुनाव कराने से कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, "हम पहले से ही आम चुनावों के साथ एक साथ राज्य चुनाव करा रहे हैं। हमें ज्यादा समस्या नहीं है। हम विधेयक का समर्थन करेंगे।"