Hindi Newsदेश न्यूज़omar abdullah emotional post over death of bjp mla devender singh rana

हमारे बीच मतभेद था लेकिन...बीजेपी विधायक के निधन पर भावुक हो गए उमर अब्दुल्ला

  • बीजेपी विधायक देवेंद्र राणा के निधन पर उमर अब्दुल्ला ने बेहद भावुक पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे बीच मतभेद था लेकिन साथ बिताए अच्छे पलों को भुलाया नहीं जा सकता है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 1 Nov 2024 11:40 AM
share Share

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और नगरोटा सीट से विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार को निधन हो गया। वह 59 वर्ष के थे। उनके निधन के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। दरअसल देवेंद्र सिंह राणा उमर अब्दुल्ला के पुराने सहयोगी थी। 2021 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।

उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, देर रात दुखद खबर मिली तब से रात कटने का नाम नहीं ले रही है। पिछले कुछ सालों से हमारे बीच मतभेद जरूर था लेकिन हमें उनके साथ बिताया अच्छा समय याद है। हमने मिलकर बहुत काम किया और वह हमेशा याद रहेगा। आप बहुत जल्द हमें छोड़कर चले गए और हमेशा याद आएंगे। उमर अब्दुल्ला ने देवेंद्र राणा के साथ अपनी पुरानी तस्वीरें भी साझा कीं।

अब्दुल्ला ने आगे कहा, आपकी आत्मा को शांति मिले। हमारी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं। इस दुख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। बता दें कि हाल ही में हुए चुनाव में राणा ने नगरोटा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था। वहीं 2014 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि उस वक्त वह खुद नेशनल कॉन्फ्रेंस में थे।

एक समय में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के भरोसेमंद सहयोगी और मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला के पिछले कार्यकाल के दौरान उनके राजनीतिक सलाहकार रहे राणा का जम्मू में मुसलमानों, विशेषकर गुज्जर समुदाय के बीच काफी प्रभाव था। देंवेंद्र राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, जहां वे एक प्रमुख रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में प्रमुखता से उभरे और प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में जम्मू में पार्टी का आधार बढ़ाया।

उमर अब्दुल्ला के विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उन्होंने जम्मू में पार्टी की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भाजपा के गढ़ माने जाने वाले नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने तीन बार सांसद रहे भाजपा के जुगल किशोर शर्मा को हराकर जीत हासिल की थी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राणा जम्मू को राज्य का दर्जा बहाल करने के मुखर समर्थक रहे थे।

नेकां के साथ दो दशक से अधिक समय तक रहने के बाद देवेंद्र राणा ने साल 2021 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। जम्मू क्षेत्र में उनकी गहरी जड़ें और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंधों ने उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीति में, विशेष रूप से भाजपा के लिए एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें