Hindi Newsदेश न्यूज़old lady in one month digital arrest duped 3.8 crore rs

एक महीने डिजिटल अरेस्ट में रही 77 साल की बुजुर्ग, ठगों ने उड़ा दिए 3.8 करोड़ रुपये

  • मुंबई में एक बुजुर्ग महिला को झूठे मनी लॉन्ड्रिंग केस की धमकी देकर एक महीने डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। आरोपियों ने उससे 3.8 करोड़ रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानTue, 26 Nov 2024 08:03 AM
share Share
Follow Us on

डिजिटल अरेस्ट का एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मुंबई की एक बुजुर्ग महिला को झूठे मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर एक महीने डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इस दौरान उससे 3.8 करोड़ रुपये ठगों ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण मुंबई की रहने वाली 77 साल की महिला अपने रिटायर्ड पति के साथ घर पर ही रहती थीं। उनका बेटा और बेटी विदेश में रहते हैं।

पुलिस ने बताया कि महिला के पास पहले वॉट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उन्होंने कोई पार्सल ताइवान भेजा है जिसे रोक लिया गया है। इसमें पांच पासपोर्ट, एक बैंक कार्ड, 4 किलोग्राम के कपड़े और एमेडीएमए ड्रग्स पाई गई है। महिला ने बताया कि उन्होंने कई पार्सल नहीं भेजा है। इसपर ठगों ने कहा कि उनका आधार कार्ड पार्सल के साथ ळिंक किया गया है। ऐसे में मुंबई पुलिस के अधिकारी से बात करनी होगी।

इसके बाद कॉल एक नकली पुलिस अधिकारी को ट्रांसफर की गई। उसने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले से आधार कार्ड लिंक है। महिला ने जब इन सब आरोपों को खारिज किया तो ठगों ने उनसे स्काइप ऐप डाउनलोड करने को कहा। उसने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी उनसे बात करना चाहते हैं। इसके बाद नकली आईपीएस अधिकारी आनंत राणा ने उनसे बैंक की डीटेल मांगी। महिला से यह भी कहा गया कि वह फोन ना काटे और ना ही इस मामले में किसी को कोई जानकारी दे।

आनंद राणा नाम के ठग ने कहा कि वह अपना सारा पैसा एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दें। इसकी डीटेल चेक की जाएगी और फिर नकदी बैंक में वापस कर दी जाएगी। आरोपियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का एक जाली नोटिस भी भेजा। इसमें पुलिस का लोगो लगा हुआ था। आरोपियों ने महिला से कहा कि वह 24 घंटे वीडियो कॉल ऑन रखें। उन्होंने अपने घर के कंप्यूटर पर वीडियो कॉल ऑन कर दी। पुलिस ने बताया कि अगर उनकी कॉल डिसकनेक्ट हो जाती थी तो आरोपी फिर से फोन करते थे और उनकी लोकेशन चेक करते थे।

महिला से कहा गया कि वह बैंक जाकर पैसा एक अकाउंट में जाम कर दें। अगर बैंक में कोई सवाल किया जाए तो बताएं कि वह कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहती हैं। महिला ने 15 लाख रुपये पहले आरोपियों के खाते में भेजे। इसके बाद 15 लाख रुपये उनके खाते में वापस आ गए। बताया गया कि यह अमाउंट क्लियर है। इसके बाद महिला को विश्वास हो गया और फिर कई बार में 3.8 करोड़ रुपये आरोपियों को भेज दिए। जब फिर से पैसे वापस नहीं आए तो उन्हें शक हुआ। आरोपियों ने और पैसे की मांग की। इसके बाद महिला ने सारी बात अपनीबेटी को बताई और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने आरोपियों के बैंक अकाउंट सीज करवा दिए हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें