बीटेक छात्रा ने सुसाइड किया, यूनिवर्सिटी ने नेपाली स्टूडेंट्स को जबरन निकाला बाहर; जानें पूरा बवाल
- ओडिशा के केआईआईटी विवि में बवाल मच गया है। यहां रविवार शाम एक बीटेक छात्रा ने सुसाइड किया। सोमवार को विवि ने जबरन नेपाली छात्रों को उनके सामानों के साथ घर भेज दिया।
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भुवनेश्वर के KIIT यूनिवर्सिटी में बवाल मचा हुआ है। यहां रविवार शाम गर्ल्स हॉस्टल में थर्ड ईयर की बीटेक छात्रा ने कथित तौर पर आत्महत्या कर दी। इस घटना के कुछ घंटों बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक विवादास्पद कदम उठाते हुए सभी नेपाली छात्रों को तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दे दिया। नेपाली छात्रों से जल्दबाजी में उनका सामान पैक करवाया गया और बिना टिकट बसों और ट्रेनों में बैठाकर रवाना कर दिया गया। विवि के इस कदम से छात्रों में अफरा-तफरी और भय का माहौल बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, विशेष रूप से मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अधिकांश नेपाली छात्रों को जल्दबाजी में अपना सामान पैक करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें जबरन विश्वविद्यालय की बसों में बैठाकर कटक रेलवे स्टेशन भेज दिया गया। वहां उन्हें अपने-अपने घर लौटने के निर्देश दिए गए।
सोमवार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय से जारी एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया, "विश्वविद्यालय सभी नेपाली अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वे 17 फरवरी 2025 को तुरंत विश्वविद्यालय परिसर खाली करें।"
विवि के फैसले से अफरा-तफरी
इस अचानक फैसले से अंतरराष्ट्रीय छात्र पूरी तरह से स्तब्ध हैं और भुवनेश्वर में विश्वविद्यालय परिसर तथा कटक रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। हैरानी की बात यह है कि छात्रों को बिना किसी यात्रा टिकट या ठहरने की व्यवस्था के ही उनके घर भेजा गया, जिससे वे गंभीर संकट में पड़ गए।
छात्रों के आरोप
एक नेपाली छात्र ने बताया, "हमें कोई ट्रेन टिकट या यात्रा संबंधी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया। हमें बस जबरन हॉस्टल की बसों में बैठाकर कटक भेज दिया गया और कहा गया कि जल्द से जल्द अपने घर चले जाओ।" इस बीच, कई छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि जिस छात्रा ने आत्महत्या की, उसने मानसिक तनाव के कारण विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल रिलेशंस (IR) विभाग से मदद मांगी थी, लेकिन उसे कोई सहायता नहीं दी गई। आत्महत्या करने वाली छात्रा की पहचान प्रकृति लम्साल के रूप में हुई है। साथी छात्रों का कहना है कि अत्यधिक मानसिक दबाव के कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।
इस घटना के बाद से विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और छात्रों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।