भारतीय सेना में भर्ती को बेकरार नेपाली गोरखा, उनकी ही सरकार ने लगा रखी है रोक; जानें क्यों
- बड़ी संख्या मे नेपाली युवा भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देख रहे हैं। हालांकि 2022 से ही नेपाल की सरकार ने भारत की भर्ती रैली में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट की गिनती हमेशा खूंखार और बहादुर रेजिमेंट में होती रही है। नेपाल के गोरखा भी बड़ी संख्या में इस रेजिमेंट का हिस्सा रहे हैं। इनका इतिहास 200 साल से भी पुराना है। हालांकि बीते कुछ सालों से नेपाल की सरकार ने अपने गोरखाओं की भारतीय सेना में भर्ती पर रोक लगा दी है। नेपाल के युवा गोरखा भारत की सेना का हिस्सा बनने को बेकरार हैं लेकिन किसा को बता नहीं कि अब यह रास्ता कब खुल पाएगा। दरअसल भारत सरकार ने जब से अग्निवीर योजना शुरू की है तब से ही नेपाल की सरकार ने अपने देश के युवाओं की भर्ती पर रोक लगा दी। इस तरह अगर नई भर्तियां नहीं शुरू हुईं तो अगले 10 साल में गोरखा रेजिमेंट में नेपाल का एक भी गोरखा नहीं बचेगा। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि नेपाल के गोरखाओं पर चीन की भी नजर है।
बता दें कि सिंगापुर पुलिस, ब्रिटिश सेना और भारतीय सेना में नेपाल के गोरखाओँ की धड़ल्ले से भर्तियां होती थी। नेपाल की सेना में वेतन कम होने की वजह से वहां के युवाओं को सपना होता है कि वे विदेशी सेना का हिस्सा बनें। भारत के लिए ब्रिटिश सरकार के समय से ही नेपाली सैनिक तैनात रहे हैं। वहीं कारगिल के युद्ध में नेपाली गोरखाओं ने अपनी ताकत का लोहा पाकिस्तान को भी मनवा दिया था। हालांकि अग्निपथ स्कीम के बाद नेपाल की सरकार ने भारतीय भर्ती रैली में नेपालियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक शिशर भट्टारी नाम के नेपाली युवा ने कहा, मैं भारतीय सेना में शामिल होना चाहता था। हालांकि जब मैं क्लास में पढ़ता था तब एक ब्रिटिश सैनिक आया था और उसने बताया कि वहां की सेना में किस तरह से निष्पक्ष तरीके से भर्तियां होती हैं। अब मैं ब्रिटिश सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा हूं। इससे पहले मेरा सपना भारतीय सेना में ही शामिल होने का था। उन्होंने कहा कि मेरे पूर्वजों ने भी भारतीय सेना में ही सेवा दी है।
बता दें कि गोरखाओं की गिनती दुनिया के सबसे खूंखार लड़ाकाओं में होती है। भारतीय सेना में नेपाल और भारतीय दोनों तरह के गोरखा शामिल होते हैं। 1800 से ही भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती होती रही है। पहले गोरखा 10 से 17 साल तक भारतीय सेना मे सेवा देते थे। हालांकि अगस्त 2022 मे काठमांडू ने गोरखाओं की भारतीय सेना में भर्ती पर रोक लगा दी। एक युवा ने कहा कि भारतीय सेना में भर्ती का विकल्प खत्म होने के बाद बहुमत मेहनत करने का बावजूद बहुत सारे युवा बेरोजगार ही रह जाते हैं।
फिलहाल भारतीय सेना में 32 हजार से ज्यादा गोरखा सेवा दे रहे हैं। अगर नेपाल की सरकार रोक ना लगाती तो हर साल 1300 से 1500 नेपाली युवाओं की भर्ती होती। हर साल करीब 20 हजार गोरखा ब्रिटिश सेना के लिए आवेदन करते हैं जिनमें से 200 से 300 की ही भर्ती होती है। ब्रिटिश सेना में करीब 4 हजार गोरखा शामिल हैं। इसके अलावा 2 हजार गोरखा सिंगापुर पुलिस में भी हैं। हर साल सिंगापुर 150 से 200 युवाओं की भर्ती करता है। ब्रिटिश सेना में सीमित भर्तियों और भारतीय सेना में भर्ती पर रोक के बाद बहुत सारे युवा अब खतरे से खेलने और रूस की सेना में भर्ती होने का भी कदम उठा रहे हैं। नेपाल और रूस के बीच सैनिको की भर्ती को लेकर कोई समझौता भी नहीं है।