न हाथ मिला, न दरवाजा खुला; पहलगाम हमले के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर पर खामोशी
सरकार ने साफ किया था कि पहलगाम हमले के तार सरहद पार से जुड़े हैं, जिसके बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते पर रोक, पाक नागरिकों की नो एंट्री, पाक उच्चायुक्त को वापसी का आदेश और अब अटारी बॉर्डर को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।

पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। इसी का असर आज शाम अटारी-वाघा बॉर्डर पर रोज होने वाली परंपरागत झंडा उतारने की रस्म पर भी साफ देखा गया। आमतौर पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स के जवानों के बीच जोश से भरा प्रदर्शन और रस्मी हाथ मिलाना होता है, लेकिन इस बार न तो दरवाजे खुले, न ही कोई हाथ मिलाया गया।
आज अटारी-बाघा बॉर्डर पर हुई रिट्रीट सेरेमनी पर भी दोनों देशों के तनाव का असर देखने को मिला। अमृतसर में अटारी बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के दौरान दोनों देशों के गेट नहीं खोले गए। बंद गेटों के बीच दोनों देशों के झंडे उतारे गए। बीएसएफ जवानों ने पाक रेंजर्स से हाथ भी नहीं मिलाया। आज सेरेमनी में लोगों की संख्या भी कम रही। रोजाना करीब 20 हजार लोग पहुंचते थे, लेकिन आज को सिर्फ 10 हजार लोग ही पहुंचे। इस दौरान लोगों ने हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाए।
वाघा-अटारी बॉर्डर पर सन्नाटा
सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि अटारी-वाघा बॉर्डर को आम नागरिकों के लिए बंद किया जा रहा है, और उसी का असर सीमा पर दिखाई दिया। यह बॉर्डर अब तक दोनों मुल्कों के बीच सीमित संवाद और मेलजोल का एक रास्ता था, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद माहौल पूरी तरह से बदल चुका है।
पंजाब के अमृतसर में अटारी के अलावा हुसैनीवाला और सदकी सीमा पर लंबे समय से चले आ रहे रिट्रीट समारोह में भी कई बदलाव हुए हैं। इससे पहले बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर की तरफ से एक्स पर पोस्ट की गई थी जिसमें कहा गया कि हाल ही में पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले के मद्देनज़र पंजाब स्थित अटारी, हुसैनीवाला और सदकी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी के दौरान प्रतीकात्मक प्रदर्शन को सीमित करने का फैसला लिया गया है।
28 पाकिस्तानी नागरिक वापस लौटे
भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ 5 सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें अटारी बॉर्डर को बंद करने और पाकिस्तानियों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। प्रोटोकॉल ऑफिसर अरुण माहल ने कहा कि आज 105 भारतीय पाकिस्तान से भारत लौटे। 28 पाकिस्तानी नागरिक वापस पाकिस्तान गए हैं।
भारत से पाकिस्तान जाने वाले भी लौटाए
वहीं, पाकिस्तान जाने के लिए वीजा प्राप्त कुछ भारतीय नागरिक भी गुरुवार को आईसीपी पहुंचे, जिनमें गुजरात का एक परिवार भी शामिल था, जो कराची में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाना चाहता था। पाकिस्तान जाने के लिए अमृतसर पहुंचे राजस्थान के दो लोगों को भी बीएसएफ ने वापस भेज दिया। वहीं, भोपाल के एक परिवार को, जो अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान जाने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचा था, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने वापस लौटा दिया। परिवार ने बताया कि उनके पास वैध वीजा और यात्रा दस्तावेज थे, लेकिन बॉर्डर बंद होने के कारण बीएसएफ ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी। निराश परिवार को वापस भोपाल लौटना पड़ रहा है। परिवार ने कहा कि हम अपने रिश्तेदारों से मिलने की उम्मीद लेकर गए थे, लेकिन अब हमें वापस जाना पड़ रहा है।
पाक समर्थित था पहलगाम हमला
गौरतलब है कि पहलगाम हमले में जो क्रॉस बॉर्डर टेरर लिंक सामने आए हैं, उसने भारत को पाकिस्तान के प्रति और ज्यादा सख्त बना दिया है। विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में साफ तौर पर बताया गया कि हमले के तार सरहद पार से जुड़े हैं, जिसके बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते पर रोक, पाक नागरिकों की नो एंट्री, पाक उच्चायुक्त को वापसी का आदेश और अब अटारी बॉर्डर को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट: मोनी देवी