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ऐसे तो राहुल गांधी बन जाएंगे चैंपियन, लेटरल एंट्री के मुद्दे पर दो फाड़ NDA; JDU ने भी मिलाए विपक्ष से सुर

  • जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि सरकार का लेटरल एंट्री का फैसला सामाजिक रूप से पिछड़ों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह से सरकार विपक्ष के हाथ में हथियार पकड़ रही है। इस तरह राहुल गांधी पिछड़ों के चैंपियन बन जाएंगे।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 Aug 2024 06:31 AM
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मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के पदों पर भर्ती के लिए UPSC ने जब से लेटरल एंट्री का नोटिफिकेशन जारी किया है, सियासी गलियारों में इसकी गूंज लगातार सुनाई दे रही है। पहले विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान का उल्लंघन है क्योंकि इसमें आरक्षण को दरकिनार कर दिया गया है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने इसे आरक्षण खत्म करने की साजिश करार दिया। तो वहीं अब एनडीए के खेमे में भी इसके विरोध में आवाज सुनाई देने लगी है।

जेडीयू ने भी किया विरोध

यूपीएससी लेटरल एंट्री को लेकर एनडीए में फूट देखने को मिल रही है। जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) इसके विरोध में उतर आए हैं तो वहीं चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने सरकार का समर्थन किया है। टी़डीपी का कहना है कि ससरकार के इस फैसले से प्रशासन की गुणवत्ता सुधरेगी और आम लोगों तक सेवाएं पहुंचाना आसान होगा।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि, हमारी पार्टी शुरू से ही सरकार से आरक्षित सीटों को भरने की बात कहती रही है। हम राम मनोहर लोहिया को मानते हैं। जब लोगों को सदियों से समाज में पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा तो आप मेरिट क्यों ढूंढ रहे हैं? सरकार का यह आदेश गंभीर चिंता का विषय है। त्यागी ने कहा कि इस तरह के फैसले लेकर सरकार विपक्ष को मुद्दा दे रही है। जो लोग एनडीए के विरोधी हैं वे इस विज्ञापन का दुरुपयोग करेंगे। राहुल गांधी पिछड़ों के चैंपियन बन जाएंगे। हमें विपक्ष के हाथ में हथियार नहीं पकड़ाना चाहिए।

चिराग पासवान नाखुश

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पहले ही इसपर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा था कि सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण जरूरी है। इसमें कोई इफ बट नहीं होना चाहिए। प्राइवेट सेक्टर में कोई आरक्षण नहीं है और अगर सरकारी में भी ऐसा ही होना लगा तो समस्या पैदा हो जाएगी। पासवान ने कहा कि सरकार के लोगों को मुद्दा उठाने का अधिकार है और वे उठाएंगे ही। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस फैसले का समर्थन नहीं करती है।

टीडीपी की मिला समर्थन

दो प्रमुख दलों के विरोध के बीच तीसरे अहम दल टीडीपी ने इस फैसले का समर्थन किया है। टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने कहा, हमें लैटरल एंट्री को लेकर खुशी है क्योंकि कई मंत्रालयों को विशेषज्ञों की जरूरत है। हम हमेशा ही प्राइवेट सेक्टर से जानकारों को लेने के समर्थन में रहे हैं। हमें प्राइवेट सेक्टर से भी सीख लेनी चाहिए। इसलिए हम केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हैं।

बता दें कि राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले को दलितों और आदिवासियों के अधिकारों पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने राम राज्य के मायने ही बदल दिए हैं और संविधान को खत्म करने की साजिश रच रही है। वह बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहती है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, सरकारी विभागों में रिक्तियां भरने की जगह पर सरकार आरक्षण के पीछे पड़ी है। 81 फीसदी तक कैजुअल और कॉन्ट्रैक्ट रिक्रूटमेंट को बढ़ा दिया गया है। एसपी और बीएसपी ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।

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