इजरायली स्टाइल में भारत भी कर सकेगा एयर स्ट्राइक, सैन्य बेड़े में शामिल होने जा रहा नागास्त्र-1
- रक्षा एक्सपर्ट मानते हैं कि सुसाइड ड्रोन के आ जाने से भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट की जरूरत नहीं होगी। ये ड्रोन अपने आप में इतने सक्षम हैं कि दुश्मन के घर में चुपके से घुसकर हमला कर सकते हैं।
भारतीय सेना अपनी ताकत को लगातार नई धार देती जा रही है। इसी कड़ी में इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत जिस सुसाइड ड्रोन की खरीदारी हुई थी, अब उसे आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल करने की तैयारी है। इसे नागास्त्र-1 के नाम से जाना जाता है जो दुश्मन के बंकर, चौकी और हथियार डिपो को एक झटके में खत्म कर सकता है। इस तरह भारत भी अब इजरायल की स्टाइल में एयर स्ट्राइक करने में सक्षम होगा। नागास्त्र-1 को इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव कंपनी की ओर तैयार किया गया है, जो नागपुर में स्थित है।
सेना की ओर से नागास्त्र-1 का परीक्षण किया जा चुका है। चीन से लगती सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में इसे अंजाम दिया गया था। रक्षा एक्सपर्ट मानते हैं कि सुसाइड ड्रोन के आ जाने से भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट की जरूरत नहीं होगी। ये ड्रोन अपने आप में इतने सक्षम हैं कि दुश्मन के घर में चुपके से घुसकर हमला कर सकते हैं। फिलहाल यह सुसाइड ड्रोन 2 तरह के वैरिएंट्स में मौजूद है। दोनों ही 60 से 90 मिनट तक उड़ान भर सकते हैं। इस ड्र्रोन का वजन 6 किलोग्राम है।
4,500 मीटर ऊपर उड़ान भरने में सक्षम
नागास्त्र-1 की ऑपरेशनल रेंज 15 किलोमीटर तक है। यह 4,500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए हमला कर सकता है। इसके जरिए दुश्मन खेमे के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो और सैन्य टुकड़ियों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। यही वजह है कि दुश्मन सुसाइड ड्रोन से इतना खौफ खाते हैं। मालूम हो कि नागास्त्र फिक्स्ड विंग्स कैटेगरी का ड्रोन है जिसके अंदर भारी मात्रा में विस्फोटक रखकर निशाना साधा जा सकता है। इसके ऐसे भी वैरिएंट्स हैं जिन्हें ट्राईपॉड या हाथों से उड़ाया जा सकता है। ऐसे में नागास्त्र को इस्तेमाल करना भी काफी आसान है। इसके लिए किसी लंबी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं