चिंता वाजिब है; मोहन भागवत के परिवार बढ़ाने वाले बयान का चिराग पासवान ने किया समर्थन
- भाजपा ने संघ प्रमुख की टिप्पणी का स्वागत किया जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है। विपक्ष की ओर से पूछा गया कि बढ़ी हुई आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से आएंगे।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत के परिवार बढ़ाने वाले बयान का केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने समर्थन किया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि संघ प्रमुख की चिंता वाजिब है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर चर्चा होनी चाहिए।' चिराग पासवान ने कहा कि मोहन भागवत ने प्रजनन दर पर चिंता जताई है जो एक तकनीकी मुद्दा है। इसे लेकर चर्चा हो रही है कि प्रजनन दर घट कैसे रही है जिसे आदर्श तौर पर 2.1 के आसपास होना चाहिए। मोहन भागवत ने इस बारे में अपनी चिंता जताई है।
भाजपा ने संघ प्रमुख की टिप्पणी का स्वागत किया जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है। विपक्ष की ओर से पूछा गया कि बढ़ी हुई आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से आएंगे। विपक्षी दलों ने कहा कि खाद्य सामग्री की कीमतें अधिक हैं और सरकार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है। रविवार को नागपुर में कार्यक्रम के दौरान भागवत ने परिवारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगाह किया कि जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, अगर किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे गिरती है तो वह विलुप्त हो सकता है।
'यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय हित में होगा'
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘जब हम 2.1 कहते हैं तो इसका मतलब है कि यह अधिक होना चाहिए, कम से कम तीन। जनसंख्या विज्ञान भी यही कहता है।’ उन्होंने घटती जनसंख्या वृद्धि को गंभीर चिंता बताया। भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि यह राष्ट्रीय हित में है। तिवारी ने कहा, ‘आरएसएस एक देशभक्त संगठन है। अगर मोहन भागवत ने कुछ कहा है तो यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय हित में होगा। इसलिए इसका सकारात्मक विश्लेषण किया जाना चाहिए।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)