मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिया जाए; तेलंगाना विधानसभा में प्रस्ताव पारित, क्या बोली भाजपा
- डॉ. मनमोहन सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। तेलंगाना विधानसभा ने इस संदर्भ में एक विशेष प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि डॉ. सिंह के अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जाए।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। तेलंगाना विधानसभा ने इस संदर्भ में एक विशेष प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि डॉ. सिंह के अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जाए। वहीं भाजपा ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने तेलंगाना सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह हमारे देश के एक महान नेता थे। मैं केंद्र से इस प्रस्ताव को स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।" इसी क्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभरांश कुमार राय ने कहा कि डॉ. सिंह ने शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार और मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से देश के विकास में अद्वितीय योगदान दिया है। ऐसे में यह उचित है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
तेलंगाना विधानसभा के विशेष सत्र में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी एक दुर्लभ एकता प्रदर्शित करते हुए डॉ. सिंह के सम्मान में हैदराबाद में उनकी एक प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की।
भाजपा ने कांग्रेस की मंशा पर उठाए सवाल
हालांकि, यह प्रस्ताव राजनीतिक विवाद से अछूता नहीं रहा। बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा डॉ. सिंह को भारत रत्न देने की सिफारिश पर सोनिया गांधी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सवाल किया, "सोनिया गांधी ने उस समय इस सिफारिश को आगे क्यों नहीं बढ़ाया? यह दिखाता है कि गांधी परिवार गैर-नेहरू-गांधी प्रधानमंत्रियों को लेकर असुरक्षित है।"
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी से इस दावे के सबूत पेश करने की मांग की। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने इसे "ध्यान भटकाने की राजनीति" बताया और कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यमुना किनारे जगह नहीं दी, जो शर्मनाक है।"
क्या केंद्र सरकार देगी प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया?
डॉ. मनमोहन सिंह का पिछले सप्ताह 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार में देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। तेलंगाना के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राज्य सरकारें अपने विवेक से ऐसे प्रस्ताव पारित कर सकती हैं, लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग पूरी होती है।