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पश्चिम बंगाल का नाम बदलना चाहती है ममता बनर्जी सरकार, चाहती है मिले ये पहचान

  • तृणमूल सदस्य रीताब्रत बनर्जी ने कहा, 'हमारे राज्य का नाम बदलने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल के लोगों के जनादेश का सम्मान किए जाने की जरूरत है। आखिरी बार 2011 में किसी राज्य का नाम बदला गया था, जब उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया था।'

Nisarg Dixit भाषाThu, 6 Feb 2025 07:37 AM
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पश्चिम बंगाल का नाम बदलना चाहती है ममता बनर्जी सरकार, चाहती है मिले ये पहचान

तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर 'बांग्ला' करने की मांग करते हुए कहा कि यह नाम राज्य के इतिहास और संस्कृति को दिखाता है। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल सदस्य रीताब्रत बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने जुलाई 2018 में सर्वसम्मति से राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन केंद्र ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि नामकरण राज्य के इतिहास, संस्कृति और पहचान से मेल खाता है और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित भी करता है।

वर्ष 1947 में बंगाल को विभाजित किया गया। भारतीय हिस्से को पश्चिम बंगाल कहा गया और दूसरे हिस्से का नाम पूर्वी पाकिस्तान रखा गया। 1971 में, पूर्वी पाकिस्तान ने स्वतंत्रता की घोषणा की और बांग्लादेश का एक नया राष्ट्र बना। बनर्जी ने कहा कि आज कोई पूर्वी पाकिस्तान नहीं है।

उन्होंने कहा, 'हमारे राज्य का नाम बदलने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल के लोगों के जनादेश का सम्मान किए जाने की जरूरत है। आखिरी बार 2011 में किसी राज्य का नाम बदला गया था, जब उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया था।'

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई शहरों के नाम परिवर्तित किए गए हैं। इनमें बॉम्बे शामिल है, जो 1995 में मुंबई में बदल दिया गया, 1996 में मद्रास को चेन्नई, 2001 में कलकत्ता को कोलकाता और 2014 में बैंगलोर से बेंगलुरु में बदल दिया गया।

आम आदमी पार्टी (आप) के विक्रमजीत सिंह साहनी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए सरकार से इस बारे में अल्पकालिक चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक कटु सत्य है कि पिछले वर्ष लगभग आईआईटी से निकलने वाले 38 प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिला।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में शिक्षित बेरोजगारी 65 प्रतिशत से अधिक है और यह संख्या वास्तव में चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, भारत में कुल बेरोजगारों में से 83 प्रतिशत युवा जबकि देश के केंद्र व राज्य सरकारों के विभागों में 30 लाख से अधिक पद खाली हैं।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की स्थिति यह है कि पिछले साल हरियाणा में लाखों से अधिक युवाओं ने सफाईकर्मी पद के लिए आवेदन किया था जबकि उत्तर प्रदेश में पिछले साल 411 प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए 10 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था।

आप सदस्य ने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक रोजगार निर्मित होते हैं लेकिन 2024 में इनमें भी 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार और उद्यमिता महत्वपूर्ण हैं लेकिन इनको प्रोत्साहित करने वाली नीतियां कागजों तक सिमटी हुई हैं। उन्होंने बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए सदन में अल्पकालिक चर्चा की मांग की।

आप के अशोक मित्तल ने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा आम आदमी के भगतान में देरी का मुद्दा उठाया और कहा कि कुछ नामचीन हस्तियों को अस्पताल में दाखिले से पहले ये कंपनियां पैसे जारी कर देती हैं जबकि आम आदमी को ठोकरें खानी पड़ती हैं।

बीज जनता दल (बीजद) के देबाशीष सामंतराय ने बाली यात्रा को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिए जान की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह त्योहार हर साल महानदी के तट पर आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक समय राज्य के नाविक व्यापार और संस्कृति के विस्तार के लिए प्राचीन काल में इंडोनेशिया, बोर्नियो और श्रीलंका में बाली, सुमात्रा और जावा जाते थे।

तृणमूल कांग्रेस की ममता ठाकुर ने गंगासागर मेले के पौराणिक महत्व को रेखांकित करते हुए इसे राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इस साल अभी तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने वहां पर डुबकी लगाई है और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि बगैर किसी केंद्रीय मदद के राज्य सरकार तीर्थ यात्रियों को सारी सुविधाएं प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में जो घटना हुई, वह अगर गंगासागर में हुई होती है तो अभी तक बंगाल में केंद्र से कई सारी टीम पहुंच जाती और हाय-तौबा मच जाता। तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने पेट्रोल में सस्ते एथनॉल का लाभ उपभोक्ताओं को दिए जाने का मुद्दा उठाया तो उनकी ही पार्टी की सहयोगी सुष्मिता देव ने असम में बराक नदी में तलछट की सफाई कराने की मांग की।

भाजपा की कविता पाटीदार ने मांग की कि रेलवे लाइन के अंडरपास में पानी भरने की समस्या के समाधान के लिए भूजल पुनर्भरण जैसे जल संरक्षण के तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पीटी उषा (मनोनीत) ने केरल के कोझिकोड जिले के किनलूर में एम्स की स्थापना की मांग की।

कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का मुद्दा उठाते हुए भाजपा के एस सेल्वागणपति ने कहा कि अनियमित मौसम के मिजाज ने फसल की पैदावार को प्रभावित किया है, जिससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मौसम की अनिश्चितताओं का सामना करने वाले बीजों की नई किस्मों का परीक्षण किया जाए। भाजपा के के लक्ष्मण ने भगवान ऋषभदेव की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाने की मांग की।

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