हेडमास्टर की तरह प्रवचन देते हैं और कराते हैं हंगामा; जगदीप धनखड़ पर खूब बरसे मल्लिकार्जुन खरगे
- अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सवाल किया गया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चेयरमैन धनखड़ पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि चेयरमैन तो स्कूल के हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं और सदन की कार्यवाही में बाधा भी वही पहुंचाते हैं। संसद के कामकाज में वह खुद ही सबसे बड़ी बाधा है।
राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। कांग्रेस की लीडरशिप में टीएमसी, सपा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना समेत कई दलों ने इसका समर्थन किया है। मंगलवार को राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को इसका प्रस्ताव दिया गया था। फिर बुधवार को संसद शुरू होते ही विपक्ष ने इस प्रस्ताव को लाने की मांग की, लेकिन हंगामे के चलते कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सवाल किया गया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चेयरमैन धनखड़ पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि चेयरमैन तो स्कूल के हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं और सदन की कार्यवाही में बाधा भी वही पहुंचाते हैं।
खरगे ने कहा, 'चेयरमैन विपक्ष के सामने हेडमास्टर की तरह व्यवहार करते हैं और उनकी स्कूलिंग करते हैं। यदि विपक्ष के नेता 5 मिनट बोलते हैं तो वह खुद 10 मिनट उसके बाद प्रवचन देते हैं। आप पत्रकार लोग तो विद्वान हैं, सभी बात जानते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि राज्यसभा में जो भी महत्वपूर्ण विषय उठाए जाते हैं, उन पर चेयरमैन बात नहीं होने देते। विपक्षी नेताओं पर सवाल उठाए जाते हैं। उनकी निष्ठा सत्ताधारी दल और उसके नेताओं के लिए हैं। वह आगे के प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं। राज्यसभा में सबसे ज्यादा हंगामा खुद चेयरमैन खड़ा करते हैं। सदन में यदि बाधा आती है तो उसका सबसे बड़ा कारण हमारे चेयरमैन साहब है।'
उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ दूसरों को सबक सिखाते हैं, लेकिन बार-बार बाधा पहुंचाकर संसद को ठप किया जाता है। ऐसी कोशिश हमेशा चेयरमैन और सत्ताधारी दल करते हैं। आमतौर पर विपक्ष चेयर से प्रोटेक्शन मांगता है। वही विपक्ष का संरक्षक होता है, लेकिन वह खुद ही सत्तापक्ष और प्रधानमंत्री का खुला गुणगान कर रहे हों तो विपक्ष की कौन सुनेगा। गौरतलब है कि विपक्ष के 70 सांसदों के समर्थन के साथ यह प्रस्ताव सौंपा गया है। राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत का आंकड़ा है, लेकिन विपक्ष की ओर से लाया गया प्रस्ताव चेयरमैन की छवि को जरूर नुकसान पहुंचाता है।