बुधवार के दिन ही क्यों होंगे महाराष्ट्र में मतदान, चुनाव आयोग ने बताई वजह
- Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार महाराष्ट्र में मतदान एक ही चरण में 20 नवंबर यानी बुधवारी के दिन होगा।
Maharashtra Assembly Elections: चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार महाराष्ट्र में मतदान एक ही चरण में 20 नवंबर को बुधवार के दिन होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि आखिर क्यों चुनाव की तारीख बुधवार के दिन ही निर्धारित की गई है।
राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि मतदान का दिन बुधवार, 20 नवंबर जानबूझकर चुना गया है। उन्होंने कहा कि मतदान की तारीख को बुधवार को रखा है ताकि लोग इसे वीकएंड के साथ न जोड़ सकें। बुधवार के दिन शहरी मतदाताओं की मतदान में कम रुचि के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसा अक्सर देखा गया है कि जब मतदान की तारीख शुक्रवार या सोमवार को होती है, तो कई मतदाता इसे शनिवार और रविवार के वीकेंड के साथ जोड़कर छुट्टियों का फायदा उठाते हैं और मतदान से दूर हो जाते हैं। बुधवार को मतदान रखने से छुट्टी लेने के लिए दो दिनों का गैप आ जाता है, जिससे शहरी मतदाताओं को यात्रा की योजना बनाना कठिन हो जाता है और वे मतदान में भागीदारी कर सकते हैं।
बता दें महाराष्ट्र में नामांकन की प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू होगी, जबकि नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर तय की गई है। इसके बाद 30 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी और 4 नवंबर को उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे।
महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं। इस सत्ताधारी गठबंधन में शिवसेना के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है। दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) है। इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस तथा वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है।
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बिल्कुल बदल गई है। साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीट पर जीत मिली थी, जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी।