हंगामेदार रहा शीतकालीन सत्र, लोकसभा के 65 घंटे हुए बर्बाद; इन मुद्दों पर हमलावर रहा विपक्ष
- शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाए। इनमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विषय की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी।
संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र के दौरान कई मुद्दों पर गतिरोध देखने को मिला, जिससे कामकाज की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही। आंकड़ों के मुताबिक, अकेले तीसरे सत्र में 65 घंटे और तीनों सत्रों में कुल मिलाकर 70 घंटे से अधिक का नुकसान हुआ। पहले सत्र पर नजर डालें तो इस दौरान कुल 5 घंटे और 37 मिनट का नुकसान हुआ। दूसरे सत्र में 1 घंटे और 53 मिनट का नुकसान देखने को मिला। सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं और उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।
सत्र के दौरान लोकसभा में 5 सरकारी विधेयक दोबारा पेश किए गए और 4 विधेयक पारित किए गए। शून्यकाल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए। कांग्रेस सांसदों प्रियंका गांधी वाद्रा और रवींद्र चव्हाण ने इस सत्र के दौरान शपथ ली। इस सत्र में सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक पेश किया, जिसका लगभग सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया। बाद में इसे संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजा गया। 25 नवंबर को सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अडानी से जुड़े आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल की हिंसा और कुछ अन्य विषयों को लेकर जोरदार हंगामा किया। कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित रही।
सत्र के दौरान पारित हुए ये विधेयक
संविधान की 75 गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के लिए सरकार के सहमत होने के बाद सत्र की कार्यवाही आगे बढ़ी। लोकसभा में संविधान पर हुई दो-दिवसीय चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। लोकसभा ने 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच और उससे संबंधित विनियोग (संख्याक-3) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी। सत्र के दौरान लोकसभा में रेल संशोधन विधेयक 2024, बैंककारी विधियां संशोधन विधेयक 2024, आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक 2024 पारित किए गए गए। सरकार ने इस सत्र में लोकसभा में वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 पेश किया। इसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का विस्तार करने, जहाजों के स्वामित्व के लिए पात्रता मापदंड बढ़ाने और भारतीय टन भार में वृद्धि के लिए प्रावधान हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा को लेकर चर्चा
शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में सदस्यों ने लोक महत्व के कई मुद्दे उठाए। इनमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विषय की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक को फिर से स्थापित करने के लिए सदन में हुए मत विभाजन में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल किया गया। नए संसद भवन में यह पहला मौका था जब इलेट्रॉनिक मत विभाजन हुआ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)