अब देश दूसरे रेप का इंतजार नहीं कर सकता, कोलकाता कांड पर बोला सुप्रीम कोर्ट
- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेप केस पर सुनवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान देश में डॉक्टरों के हाल पर अदालत ने चिंता जाहिर की है। साथ ही सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टास्क फोर्स बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेप केस पर सुनवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान देश में डॉक्टरों के हाल पर अदालत ने चिंता जाहिर की है। साथ ही सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टास्क फोर्स बनाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही एपेक्स कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार पर भी सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि हमने स्वत: संज्ञान इसलिए लिया, क्योंकि यह डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। 9 अगस्त को सेमीनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था।
मामले की सुनवाई कर रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'सुबह-सुबह अपराध का पता चलने के बाद प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या की तरह दिखाने की कोशिश की और पीड़िता के माता-पिता को शव भी देखने की अनुमति नहीं दी गई।' उन्होंने कहा, 'देर रात तक कोई भी FIR दर्ज नहीं की गई थी।' अदालत ने FIR में देरी और मौका-ए-वारदात बर्बाद करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को भी फटकार लगाई है।
सीजेआई ने कहा, 'आरजी कर अस्पताल में 36 घंटों से शिफ्ट में मौजूदडॉक्टर का रेप हो गया। मृतक की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए। 13 अगस्त को हाईकोर्ट की तरफ से मामला CBI को ट्रांसफर कर दिया गया। 15 अगस्त को देर रात 12:30 बज एक भीड़ इमरजेंसी वार्ड और अन्य जगहों पर घुस गई और तोड़फोड़ की। इसके बाद IMA ने 14 घंटों के लिए देशभर में इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का आह्वान किया। राज्य से उम्मीद की जाती है कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य की मशीनरी को तैनात करे। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सका।'
उन्होंने कहा, 'डॉक्टरों और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा राष्ट्र हित का मुद्दा है और समानता का सिद्धांत भी यही कहता है। कुछ कदम उठाएं, इसके लिए देश दूसरे रेप का इंतजार नहीं कर सकता। स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए राज्य में कानून हैं, लेकिन वे प्रणालीगत मुद्दों से नहीं निपटते हैं।'
प्रिंसिपल पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब प्रिंसिपल की भूमिक जांच के घेरे में है, तो उसे तत्काल किसी अन्य कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे बना दिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'सीबीआई को इस शनिवार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी और चूंकि यह संवेदनशील स्तर पर है तो स्टेटस की हमें भी जानकारी देनी है। इसे सिर्फ हमें ही दिया जाए।'
कोर्ट ने कहा कि हम एक टास्क फोर्स गठित कर रहे हैं, जिसमें अलग-अलग बैकग्राउंड्स के डॉक्टर होंगे जो सुझाव देंगे, ताकि सुरक्षा बनी रहे। उन्होंने कहा, 'हम डॉक्टरों से काम दोबारा शुरू करने की अपील करते हैं और मरीजों की मौत हो गई...। हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम यहां हैं।'
क्या था मामला
9 अगस्त को कॉलेज के सेमीनार हॉल में 31 वर्षीय डॉक्टर की बॉडी मिली थी। महिला डॉक्टर को बलात्कार के बाद मार दिया गया था। पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की, लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट की तरफ से केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑटोप्सी रिपोर्ट में पीड़िता के गुप्तांगों समेत शरीर के कई हिस्सों पर 14 से ज्यादा चोटें पाई गईं थीं। पुलिस ने संजय रॉय नाम के शख्स को गिरफ्तार भी किया है।
इस घटना के बाद से ही देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन शुरू हो गया था। कई चिकित्सक समूह सरकार से स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है।