'एक आदमी ने 41 पुलिसकर्मियों को कर दिया घायल?', सुप्रीम कोर्ट से बंगाल सरकार को झटका
- सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि लाहिड़ी उन तीन लोगों में शामिल थे जिन्होंने रैली का बुलावा दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में 41 पुलिसकर्मी घायल हुए।
सुप्रीम कोर्ट ने छात्र नेता सायन लाहिड़ी की जमानत के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में 27 अगस्त को राज्य सचिवालय तक मार्च निकाला गया था। इस मार्च के आयोजकों में से सायन लाहिड़ी है जिसे जमानत देने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह प्रथम दृष्टया जमानत का मामला बनता है। कलकत्ता एचसी ने शुक्रवार को पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी थी।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि लाहिड़ी उन तीन लोगों में शामिल थे जिन्होंने रैली का बुलावा दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में 41 पुलिसकर्मी घायल हुए। इस पर एससी की बेंच ने जवाब दिया, 'आपका कहना कि 41 पुलिसकर्मी घायल हुए, तो फिर क्या इस अकेले व्यक्ति ने उन सभी पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया? माफ करें, ऐसी बातों में कोई दम नहीं है।'
27 अगस्त की शाम गिरफ्तार किए गए लाहिड़ी
मालूम हो कि पश्चिम बंग छात्र समाज एक अपंजीकृत छात्र समूह है। पश्चिम बंग छात्र समाज सहित 2 संगठनों ने 27 अगस्त को राज्य सचिवालय तक मार्च का आह्वान किया था। रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लाहिड़ी को 27 अगस्त की शाम गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना था कि रैली हिंसक हो गई, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा। साथ ही, पुलिस अधिकारियों पर हमले किए गए। लाहिड़ी की मां अंजलि की याचिका पर कार्रवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अहम आदेश दिया। इसमें कहा गया कि उन्हें शनिवार दोपहर 2 बजे तक पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया जाए। कोलकाता पुलिस ने शनिवार को लाहिड़ी को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया।
कोलकाता कांड को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना से देशभर में आक्रोश उत्पन्न हुआ। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले की जांच कर रहा है।
गौरतलब है कि सोमवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित लाल बाजार को हड़ताली डॉक्टरों के मार्च को विफल करने के मकसद से किले में तब्दील कर दिया गया। पूरे इलाके में कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर पुलिस पिकेट बनाए गए थे। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सिटी पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे सहित अपनी मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय की घेराबंदी करने की धमकी दी थी। उन पर महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने और आरजी कर अस्पताल में विरोध स्थल पर हुई तोड़फोड़ को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)