कोलकाता कांड को संजय रॉय ने अकेले दिया अंजाम? DNA टेस्ट-फोरेंसिक रिपोर्ट से संकेत, CBI ने AIIMS की मांगी राय
- मालूम हो कि पीड़िता के परिवार ने कोलकाता कांड में गैंगरेप की आशंका जताई थी। उनका कहना है कि इस जघन्य घटना को अंजाम देना किसी एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं था।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की जांच जारी है। डीएनए टेस्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 9 अगस्त की घटना में केवल गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय ही शामिल था। बताया जा रहा है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब इसे लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से अंतिम राय लेगी। न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस रेप-मर्डर केस में किसी दूसरे व्यक्ति की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है। कहा जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में किसी भी तरह के संदेह को दूर करना चाहती है। इसलिए एम्स के एक्सपर्ट्स से डीएनए और फोरेंसिक रिपोर्ट पर अंतिम राय मांगी जा रही है।
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मालूम हो कि पीड़िता के परिवार ने कोलकाता कांड में गैंगरेप की आशंका जताई थी। उनका कहना है कि इस जघन्य घटना को अंजाम देना किसी एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं था। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले को लेकर एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, 'यह गैंगरेप नहीं था, कोई फ्रैक्चर नहीं था, जल्दबाजी में अंतिम संस्कार नहीं हुआ और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की गई। साथ ही, 12 घंटे के भीतर हत्यारे को पकड़ लिया गया और मामले की कमान सीबीआई को सौंप दी गई।'
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ का लंबा दौर
सीबीआई के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 5 अन्य का दूसरे दौर का पॉलीग्राफ टेस्ट किया। एक अधिकारी के अनुसार, पिछले 10 दिनों में घोष से हुई पूछताछ के दौरान उनके बयानों में तारतम्य नहीं दिखा। इसके कारण अधिकारियों को पॉलीग्राफ टेस्ट का एक और दौर आयोजित करना पड़ा। वहीं, इस बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में हुआ, जहां वह बंद है। कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी फुटेज और चिकित्सक के शव के पास ब्लूटुथ डिवाइस मिलने के बाद रॉय की गिरफ्तारी की गई थी। उसे कॉलेज के सेमीनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था।
ट्रेंड मुक्केबाज रहा है मुख्य आरोपी संजय रॉय
33 वर्षीय संजय रॉय 2019 से नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहा था। ट्रेंड मुक्केबाज रॉय ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ सीनियर पुलिस अधिकारियों से करीबी बना ली थी। इसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में शामिल किया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया। उसने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है। CBI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि स्थानीय पुलिस ने लेडी डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को दबाने का प्रयास किया। जब तक संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी।