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'वह बहुत कुछ जानती थी, उसे चुप करा दिया गया'; कोलकाता कांड पर बंगाल के डॉक्टर का दावा

  • कौशिक लाहिड़ी ने कहा, ‘सुबह 10:50 बजे किसी ने खुद को डिप्टी सुपर बताया और पीड़िता के पिता को फोन किया। उसने बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। मगर, उन्हें पता था कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है।’

Niteesh Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, आर्यन प्रकाशSun, 1 Sep 2024 09:05 PM
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पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सलाहकार डॉ. कौशिक लाहिड़ी ने कोलकाता के रेप-मर्डर केस को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने रविवार को कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की पीड़िता बहुत कुछ जानती थी, जिसे चुप करा दिया गया। हिन्दुस्तान टाइम्स से खास बातचीत में लाहिड़ी ने कहा, 'उसने हमेशा यह बताने का प्रयास किया कि वह क्या सामना कर रही थी। वह अकेली नहीं थी। कई युवा और सीनियर डॉक्टर्स को इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा। उनमें से ज्यादातर को तो चुप करा दिया गया। यह चुप्पी भी हिंसा है। मगर, इस लड़की ने अपनी चुप्पी तोड़ने की कोशिश की थी।'

डॉ. लाहिड़ी ने कहा कि 9 अगस्त को जो कुछ हुआ, उस पर चर्चा करना दर्दनाक और शर्मनाक है। इसी दिन सुबह 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। उन्होंने कहा, 'आरजी कर हॉस्पिटल में चेस्ट और पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट में ट्रेनी डॉक्टर भयानक स्थिति में पाई गई। जाहिर तौर पर उसके साथ बलात्कार हुआ और फिर हत्या कर दी गई। इसके बाद जो कुछ हुआ वो एकदम अविश्वसनीय है।' लाहिड़ी ने कहा कि सुबह 10:10 बजे पुलिस को सूचना दी गई जिसमें बताया गया कि आरजी कर अस्पताल में कोई बेहोश पड़ा है। यहां सवाल है कि ये सब कौन रिपोर्ट कर रहा था।

'पेरेंट्स को आत्महत्या का मामला बताया'

कौशिक लाहिड़ी ने कहा, 'सुबह 10:50 बजे किसी ने खुद को डिप्टी सुपर बताया और पीड़िता के पिता को फोन किया। उसने बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। मगर, उन्हें पता था कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है। यह वाकई अकल्पनीय है। देश के चीफ जस्टिस ने यह सवाल भी किया कि क्या यह अप्राकृतिक मौत का मामला है।' उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर के माता-पिता को बिना किसी कारण 3 घंटे तक अस्पताल में बैठाए रखा गया। पेरेंट्स को छोड़कर सभी को शव को देखने की इजाजत दी गई। शाम को 6:10 से 7:10 के बीच पोस्टमॉर्टम किया गया। साल 2023 के बाद सूर्यास्त के बाद शायद ही ऐसा कभी हुआ हो। यही नियम है।

'रात 8:30 बजे हुआ शव का अंतिम संस्कार'

डॉ. लाहिड़ी ने दावा किया कि रात 8:30 बजे शव का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने कहा, 'हमें पता चला कि इसे लेकर सभी हस्ताक्षर किसी नेता ने किए थे, माता-पिता की ओर से नहीं किए गए। यह बात भी हैरान करती है कि FIR पोस्टमॉर्टम के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई। यह सुप्रीम कोर्ट को भी बताया गया है।' लाहिड़ी ने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'प्रिंसिपल ने मौखिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने कैमरे पर कहा कि मैं यह सरकारी पद छोड़ रहा हूं।' उन्होंने इसी तरह के कुछ और भी सवाल उठाए और न्याय की मांग की।

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