कोलकाता कांड के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मर गए 23 लोग, कपिल सिब्बल की SC में नई दलील
- सुप्रीम कोर्ट में आज चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ आर जी कर मामले की सुनवाई कर रही है। इस दौरान वकीलों ने कोर्ट को बताया है कि डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में 23 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में आज आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की अगली सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड के साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। इस दौरान कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल राज्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को एक बंद लिफाफा सौंपा है। इसमें कथित तौर पर मौजूदा स्थिति का ब्योरा सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए इस रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान 23 लोगों ने अपनी जानें गंवा दी।
मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
इससे पहले 22 अगस्त को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी जब कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया था। शीर्ष अदालत ने सीआईएसएफ से अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का निर्देश दिया था। वहीं कोर्ट ने सीबीआई के साथ-साथ बंगाल सरकार से 15 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई भीड़ की हिंसा और बर्बरता की जांच पर रिपोर्ट देने को भी कहा था।
एक महीने पूरे होने पर सड़कों पर उतरे लोग
इस बीच भारतीय प्रवासियों ने रविवार को 25 देशों के 130 शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। इस दौरान कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या की पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की गई। वहीं 9 अगस्त को हुई इस भयावह घटना के एक महीने पूरे होने पर आधी रात को कोलकाता में भी हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला बनाई और तीसरे ‘रिक्लेम द नाइट’ विरोध मार्च में पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “बंगाल की मुख्यमंत्री किसी काम की नहीं हैं। उन्हें सिर्फ़ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम और बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
17 सितंबर को सीबीआई पेश करेगी रिपोर्ट
वहीं पीड़िता के माता-पिता ने हाल ही में कहा है कि उन्हें कोलकाता पुलिस ने उनकी बेटी के जल्दबाज़ी में किए गए अंतिम संस्कार को छिपाने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी। इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है जो 17 सितंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
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