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खालिस्तानियों को नहीं मिल रहा वीजा, छटपटा रहे कनाडा को भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

  • खालिस्तानियों को वीजा न देने के आरोपों पर विदेश मंत्रालय की तरफ से मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय वीजा किसे देना है किसे नहीं यह हमारा अधिकार है। कनाडा की मीडिया द्वारा इस बारे में टिप्पणी करना हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के समान है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 Dec 2024 08:02 PM
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विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा की मीडिया पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया। कनाडाई लोगों को वीजा न देने की खबरों पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय कि तरफ से कहा गया कि यह सब रिपोर्ट्स बेबुनियाद है। वैसे भी किसे वीजा देना है किसे नहीं यह भारत का मामला है। दरअसल, हाल ही में कनाडा के मीडिया की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार वीजा पॉलिसी का गलत इस्तेमाल कर रही है। भारत ने कई कनाडाई नागरिकों को खालिस्तानी एजेंडा का समर्थन करने के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया है।

इस पूरे मामले पर मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह रिपोर्ट्स कनाडाई मीडिया द्वारा भारत को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में मीडिया रिपोर्ट देखी है। यह भारत को बदनाम करने के लिए कनाडा द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का एक और उदाहरण है।

वीजा देना न देना हमारा संप्रभु अधिकार- MEA

जायसवाल ने कहा कि भारतीय वीजा देना या न देना हमारा संप्रभु काम है। इसमें किसी भी देश का कोई अधिकार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। उनके वीजा को स्वीकार न करने का हमारे पास वैध अधिकार है। कनाडाई मीडिया जब इस बारे में टिप्पणी करती है तो यह भारत के संप्रभु मामले में हस्तक्षेप करने के समान है।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ था जब कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने दावा किया था कि भारतीय वीजा पाने के लिए उन्हें एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जा रहा है। इस पत्र में उन्हें खालिस्तानी अलगावाद छोड़ने और भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में सम्मानित करने के लिए संकल्प दिलाया जा रहा था। ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तान समर्थक लोगों ने कहा कि अगर किसी ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया तो फिर उन्हें वीजा नहीं दिया जा रहा था।

गुरुनानक गुरुद्वारे के पूर्व अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह संधार ने भारतीय दूतावास पर आरोप लगाया था कि 2016 में उन्हें भी इसी तरह के एक फार्म पर साइन करने के लिए कहा गया था, जब उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया तो उनको वीजा जारी नहीं किया गया। संधार ने कहा कि जो भी भारत में निष्ठा दिखाते हुए इस फार्म पर साइन कर देता है उसे वीजा देकर भारत में प्रवेश की अनुमति दे दी जाती है।

मारे गए लोगों के परिवार के साथ-MEA

वीजा मामलों के अलावा कनाडा में मारे गए तीन भारतीय छात्रों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते कनाडा में भारतीय नागरिकों को दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदियों का सामना करना पड़ा। हमारे तीन नागरिकों की हत्या कर दी गई। हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा में हमारे दूतावास लगातार वहां मौजूद भारतीय लोगों की मदद कर रहे हैं। वे लोग वहां पर इन घटनाओं की गहन जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। हमें उम्मीद है कि जल्दी ही दोषियों के खिलाफ उचित एक्शन लिया जाएगा।

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