Hindi Newsदेश न्यूज़Kerala Nursing student commits suicide by jumping from hostel three girls arrested

नर्सिंग छात्रा ने हॉस्टल से कूदकर दी जान; साथ रहने वाली 3 लड़कियों पर उकसाने का आरोप, गिरफ्तार

  • लड़की के पिता सजीव ने पूर्व में कॉलेज प्रधानाचार्य से शिकायत की थी कि उनकी बेटी को उसके सहपाठी मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उसकी जान को खतरा है।

Niteesh Kumar भाषाFri, 22 Nov 2024 01:22 PM
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केरल के पथनमथिट्टा जिले में पिछले सप्ताह नर्सिंग की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार को तीन छात्राओं को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, चुट्टीपारा स्थित एसएमई नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की अंतिम वर्ष की छात्रा अम्मू सजीव (22) की सहपाठी रही 3 छात्राओं को गिरफ्तार किया गया है। घटना 15 नवंबर की रात को पथनमथिट्टा जिले के चुट्टीपारा स्थित एसएमई नर्सिंग कॉलेज में हुई। मूल रूप से तिरुवनंतपुरम की निवासी अम्मू सजीव ने छात्रावास भवन की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आत्महत्या से पहले सजीव ने अपनी डायरी में लिखा था, ‘मैंने हार मान ली है।’ लड़की के पिता सजीव ने पूर्व में कॉलेज प्रधानाचार्य से शिकायत की थी कि उनकी बेटी को उसके सहपाठी मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उसकी जान को खतरा है। पुलिस ने बताया कि शिकायत में नामित छात्राओं को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि इनमें से 2 मूल रूप से कोट्टायम की निवासी हैं जबकि एक कोल्लम की रहने वाली है।

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप

सूत्रों ने बताया, ‘छात्राओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। विस्तृत पूछताछ और जांच के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं।’ राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को घटना की जांच करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, केरल हाई कोर्ट ने 2 साल पहले 14 वर्षीय स्कूली छात्रा से बलात्कार करने के आरोपी पुलिस अधिकारी को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति के. बाबू ने अधिकारी को राहत देने से इनकार कर दिया, जो पीड़िता के स्कूल में छात्र पुलिस कैडेट प्रशिक्षक था। अदालत ने कहा कि उसने जघन्य अपराध किया है और वह जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है। अदालत संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अभियुक्त के मौलिक अधिकार की अनदेखी नहीं कर सकती, लेकिन वह किए गए अपराध की जघन्य प्रकृति से भी पूरी तरह से अपनी आंखें नहीं मूंद सकती।

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