अतुल सुभाष केस के बीच चर्चा में एक जज, गुजार मांग रही महिला से कहा था- खर्च करना है तो कमाओ
- जस्टिस कन्नेगान्ती का जन्म 5 मई 1971 में गुंटूर जिले में हुआ था। 28 दिसंबर 1994 में उन्होंने अपनी न्यायिक पारी की शुरुआत की थी। इसके बाद 2 मई 2020 को वह पहली बार आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की जज बनीं।
इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया समेत कई रिश्तेदारों की तलाश जारी है। अतुल ने एक घंटे से ज्यादा का वीडियो और करीब 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर दुनिया को अलविदा कह दिया था। खास बात है कि उन्होंने नोट में उत्तर प्रदेश के जौनपुर फैमिली कोर्ट जज रीता कौशिक का भी जिक्र किया था और आरोप लगाए थे। अब इस पूरे मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की जज ललिता कन्नेगान्ती का नाम भी चर्चा में है। इसकी वजह उनकी एक टिप्पणी है।
कौन हैं जस्टिस ललिता कन्नेगान्ती
जस्टिस कन्नेगान्ती का जन्म 5 मई 1971 में गुंटूर जिले में हुआ था। 28 दिसंबर 1994 में उन्होंने अपनी न्यायिक पारी की शुरुआत की थी। इसके बाद 2 मई 2020 को वह पहली बार आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की जज बनीं। बाद में उन्होंने 15 नवंबर 2021 को तेलंगाना हाईकोर्ट में तबादला कराया। इसके बाद वह 28 जुलाई 2023 में कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंची थीं।
कर्नाटक हाईकोर्ट का केस
20 अगस्त 2024 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक आवेदन पर सुनवाई हो रही थी, जिसके जरिए पति से अलग रह रही एक महिला ने 6 लाख 16 हजार रुपये की रकम अंतरिम गुजारा के तौर पर मांगी थी। अब इस पर सुनवाई क रहीं जस्टिस कन्नेगानन्ती ने महिला के वकील से साफ कह दिया था, 'क्या कोई इतना खर्च करता है, वह भी एक महिला खुद पर। अगर वह खर्च करना चाहती है, तो उस कमाने दो पति को नहीं...।'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे चूड़ियों, चेन, सैंडल, घड़ियां आदि जरूरतों को पूरा करने के लिए रुपयों की जरूरत है। याचिकाकर्ता का यह भी दावा था कि उसका पूर्व पति महंगे और ब्रांडेड कपड़े पहनता था, तो वह भी वैसे ही कपड़ों की हकदार है, क्योंकि उसके पास पुराने कपड़े हैं। यह भी शिकायत की गई थी कि पति की लापरवाही के कारण घुटनों में दर्द, बुखार आदि के इलाज की जरूरत है।
अतुल सुभाष ने फैमिली कोर्ट जज पर लगाए थे आरोप
अतुल ने लंबे सुसाइड नोट में फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज रीता कौशिक पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। उन्होंने नोट में दावा किया था कि जज ने मामले को 'सैटल' कराने के लिए 5 लाख रुपये मांगे थे।