Hindi Newsदेश न्यूज़Justice in rape-murder case in 61 days court awarded death sentence to the culprit of 9 year old girl

रेप-मर्डर केस में 61 दिनों में न्याय, 9 साल की बच्ची के दोषी को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

  • घटना के महज 61 दिनों के भीतर दोषी को सजा सुनाकर अदालत ने न्याय की मिसाल पेश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हृदयविदारक घटना 4 अक्टूबर को दक्षिण 24 परगना के जयनगर इलाके में हुई थी, जब बच्ची ट्यूशन से घर लौट रही थी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 Dec 2024 06:42 PM
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पश्चिम बंगाल के जयनगर में 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में मुजरिम को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। घटना के महज 61 दिनों के भीतर दोषी को सजा सुनाकर अदालत ने न्याय की मिसाल पेश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हृदयविदारक घटना 4 अक्टूबर को दक्षिण 24 परगना के जयनगर इलाके में हुई थी, जब बच्ची ट्यूशन से घर लौट रही थी। आरोपी ने उसे रोककर पहले रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी। बच्ची के घर न पहुंचने पर परिवार ने उसी रात जयनगर पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों की मदद से महज 2.5 घंटे के भीतर आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और पीड़िता के शव का पता बताया, जिसे उसी रात बरामद किया गया।

तत्परता के साथ जांच सुनिश्चित करने के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। जांच केवल 25 दिनों में पूरी कर ली गई और 30 अक्टूबर को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। 4 नवंबर को सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अदालत ने 36 गवाहों के बयान दर्ज किए। 26 नवंबर को मुकदमे की कार्यवाही पूरी हुई और शुक्रवार को बारुईपुर की पोक्सो अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनाई।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले की सराहना करते हुए कहा, "61 दिनों के भीतर दोषी को मौत की सजा देना राज्य में अभूतपूर्व है। यह न्यायपालिका, पुलिस और अभियोजन पक्ष के समर्पण को दर्शाता है। हमारी सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति जारी रखेगी।" राज्य अभियोक्ता बिवास चटर्जी ने कहा, "न्याय केवल 61 दिनों में संभव हो सका क्योंकि वैज्ञानिक और भौतिक साक्ष्य प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किए गए और सुनवाई में कोई विलंब नहीं किया गया।"

वहीं अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुब्रत चटर्जी ने दोषी को बीएनएस अधिनियम और पोक्सो अधिनियम के तहत मौत की सजा सुनाई। इसके अलावा, दोषी को आजीवन कारावास और 12 साल की अतिरिक्त सजा के साथ 10 लाख रुपये का मुआवजा पीड़िता के परिवार को देने का भी आदेश दिया गया।

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