Hindi Newsदेश न्यूज़JNU agrees to students demands to hold caste census revert to in-house entrance exam system JNU Strike

पता चलेगा JNU में पढ़ने वालों में कितने किस जाति और मजहब के, गणना पर झुका प्रशासन

JNU प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्र संघ की 12 प्रमुख मांगों में से कम से कम छह को पूरा करने पर सहमति जताई है। इनमें प्रवेश के लिए पुरानी आंतरिक प्रवेश परीक्षा प्रणाली - जेएनयू प्रवेश परीक्षा को बहाल करना, जेएनयू परिसर में जाति जनगणना कराना, छात्रवृत्ति राशि में इजाफा करने का प्रस्ताव शामिल है।

Pramod Praveen पीटीआई, नई दिल्लीMon, 26 Aug 2024 07:57 PM
share Share

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन और उसके छात्र संघ के बीच चल रहा गतिरोध जल्द ही खत्म हो सकता है। पिछले 15 दिनों से हड़ताल कर रहे छात्रों के संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच कई मांगों पर आम सहमति बन गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्र संघ की 12 प्रमुख मांगों में से कम से कम छह को पूरा करने पर सहमति जताई है। इनमें प्रवेश के लिए पुरानी आंतरिक प्रवेश परीक्षा प्रणाली - जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करना, जेएनयू परिसर में जाति जनगणना कराना, छात्रवृत्ति राशि में इजाफा करना और प्रवेश के लिए वाइवा को दिए जाने वाले वेटेज में कमी का प्रस्ताव शामिल है।

इन मांगों पर सहमति बन जाने के बावजूद अभी भी छात्र संघों की हड़ताल जारी है। छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय और पार्षद नीतीश कुमार भूख हड़ताल पर बैठे हैं। ये हड़ताल सोमवार को अपने 16वें दिन में प्रवेश कर गया। ये लोग जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उनकी लिखित पुष्टि की मांग कर रहे हैं। ये भूख हड़ताल 11 अगस्त को शुरू हुई थी। 

इस बीच, छात्र संघ ने एक बयान में कहा है कि धनंजय का वजन 5 किलो से भी ज्यादा कम हो गया है और उसका कीटोन लेवल 4 हो गया है, जो भूख हड़ताल की वजह से उसके गुर्दे पर गंभीर दबाव को दर्शाता है। उसे पीलिया और मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) भी हो गया है। इसके अलावा नीतीश का वजन लगभग 7 किलो कम हो गया है और वह बहुत कमजोर हो गया है। वह जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द से पीड़ित है।

छात्रसंघ के मुताबिक बातचीत के दौरान प्रशासन ने इन मुद्दों को स्वीकार करने की मौखिक सहमति दी। JNUSU ने अब अपनी मांगों को लेकर रिले भूख हड़ताल और रात्रि जागरण का आह्वान किया है। छात्र 11 अगस्त से अपनी मांगों के संबंध में प्रशासन के कथित गैर-जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

 

 

अगला लेखऐप पर पढ़ें